पांच लाख की आबादी वाले झरिया में है मात्र एक कोविड आइसोलेशन सेंटर

झरिया वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर में हर दिन दर्जनों लोग सरकारी कुव्यवस्था के कारण मौत के शिकार हो रहे हैं। झरिया कोयलांचल भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना इलाज के अभाव में प्रतिदिन अनेक कोलकर्मी व लोगों की मौत हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 11:12 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:12 PM (IST)
पांच लाख की आबादी वाले झरिया में है मात्र एक कोविड आइसोलेशन सेंटर
पांच लाख की आबादी वाले झरिया में है मात्र एक कोविड आइसोलेशन सेंटर

गोविंद नाथ शर्मा, झरिया : वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर में हर दिन दर्जनों लोग सरकारी कुव्यवस्था के कारण मौत के शिकार हो रहे हैं। झरिया कोयलांचल भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना इलाज के अभाव में प्रतिदिन कई कोलकर्मियों व लोगों की मौत हो रही है। कोरोना ने सरकार, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व कोल कंपनियों के कोरोना से लड़ने की तैयारी की पोल खोल कर रख दी है। आश्चर्य की बात तो यह है कि पांच लाख से अधिक की आबादी वाले झरिया कोयलांचल में एकमात्र जामाडोबा में ही टाटा कंपनी का एक कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर है। यहां भी कोरोना पीड़ित को इलाज के लिए बहुत जद्दोजहद करना पड़ रहा है। गंभीर रूप से पीड़ित कोरोना संक्रमितों को जब धनबाद के अस्पतालों में ले जाया जाता है तो वहां बेड नहीं मिलता है। काफी भटकने के बाद जब मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो कुछ दिनों में उनकी मौत हो जाती है। झरिया में बीसीसीएल सेल और टाटा जैसी हैं बड़ी कोल कंपनियां :

झरिया कोयलांचल में बीसीसीएल, सेल और टाटा जैसी बड़ी कोल कंपनियां हैं। लेकिन कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इनका प्रयास नाकाफी है। इसका खामियाजा कोल कर्मियों व लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बीसीसीएल व सेल की ओर से यहां कोई कोविड-19 सेंटर नहीं बनाया गया है। टाटा की ओर से जामाडोबा में मात्र एक कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। जबकि यहां बीसीसीएल व सेल की कई कोलियरियां हैं। सैकड़ों कर्मी काम करते हैं। लेकिन कोरोना इलाज के लिए झरिया में कोई अस्पताल नहीं खोला गया है। कोरोना टीकाकरण और जांच में ही हांफ रहा जिला स्वास्थ्य विभाग : झरिया में जिला स्वास्थ्य विभाग का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा लगभग एक दर्जन उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। लेकिन प्रशासन ने यहां एक भी कोविड सेंटर नहीं बनाया है। कुछ केंद्रों में कोरोना जांच व टीकाकरण में ही विभाग हांफ रहा है। सरकारी कुव्यवस्था के कारण यहां के 25 फीसद लोगों का अभी अब तक कोरोना जांच और टीकाकरण नहीं हो सका है। वैक्सीन व किट के अभाव में कई केंद्रों में वैक्सीनेशन व जांच बंद है। कोरोना की पहली लहर से नहीं सीखे सबक : वर्ष 2020 में आई वैश्विक महामारी कोरोना ने भी कोयलांचल के सैकड़ों लोगों को असमय मौत की नींद सुला दिया था। आश्चर्य की बात यह है कि एक साल बाद भी स्वास्थ्य विभाग व कोल कंपनियां इससे सबक नहीं सीखे। दूसरी लहर की तैयारी नहीं की। इसका खामियाजा आम लोगों को जीवन की कीमत चुका कर भुगतना पड़ा। अब जबकि कोरोना की तीसरी लहर आने की भी संभावना विशेषज्ञों ने व्यक्त कर दी है। ऐसे में उस काल की भयावह तस्वीर की कल्पना कर लोगों की रूह कांप रही है। स्वास्थ्य विभाग अभी भी नहीं जागा तो कोयलांचल की स्थिति और भयावह हो सकती है।

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