28 दिन बाद प्रशासन के निर्देश पर बीडीओ ने खोला सिदरी विद्यापति परिषद का सील ताला

सिदरी विद्यापति परिषद सिदरी गेट में लगा सील ताला 28 दिन के बाद जिला प्रशासन ने आम लोगों के लिए गुरुवार को खोल दिया। एसडीओ सुरेंद्र कुमार के निर्देश पर 25 मार्च को विद्यापति परिषद सिदरी गेट के मुख्य द्वार को बलियापुर के बीडीओ रतन कुमार सिंह ने सील कर दिया था। परिसर में स्थित माता जानकी मंदिर के पूजन सहित सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 06:50 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 06:50 PM (IST)
28 दिन बाद प्रशासन के निर्देश पर बीडीओ ने खोला सिदरी विद्यापति परिषद का सील ताला
28 दिन बाद प्रशासन के निर्देश पर बीडीओ ने खोला सिदरी विद्यापति परिषद का सील ताला

संस, सिदरी : विद्यापति परिषद सिदरी गेट में लगा सील ताला 28 दिन के बाद जिला प्रशासन ने आम लोगों के लिए गुरुवार को खोल दिया। एसडीओ सुरेंद्र कुमार के निर्देश पर 25 मार्च को विद्यापति परिषद सिदरी गेट के मुख्य द्वार को बलियापुर के बीडीओ रतन कुमार सिंह ने सील कर दिया था। परिसर में स्थित माता जानकी मंदिर के पूजन सहित सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। एसडीओ के निर्देश पर बलियापुर के बीडीओ रतन कुमार सिंह ने गुरुवार को परिषद के मुख्य द्वार का सील ताला खोल दिया। उन्होंने कहा कि विद्यापति परिषद की वैधानिक समिति के गठन की प्रक्रिया शुरु करने का आदेश भी एसडीओ ने दिया है। आशा है जल्द परिषद की वैधानिकता समिति का गठन कर लिया जाएगा। 2009 से 2018 तक लगातार परिषद समिति के महासचिव रहे जीवकांत मिश्रा के पुत्र मनोज कुमार मिश्रा ने 2018 के बाद गठित परिषद की समिति को अवैधानिक बताते हुए जिला प्रशासन से जांच की गुहार लगाई थी। प्रशासनिक जांच में खुलासा हुआ कि परिषद की समिति का चुनाव बायलाज के प्रावधानों के अनुसार नहीं हुआ है। एसडीओ ने एक माह के भीतर परिषद के 93 सदस्य बनाकर मिनट्स सौंपने का निर्देश दिया है। जांच के बाद चुनाव का आदेश दिया जाएगा। निवर्तमान समिति के अध्यक्ष निर्मल कांत झा, महासचिव बिनोद झा, चंद्रशेखर झा, दिलीप झा ने परिषद का सील खोलने पर प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। कहा कि 28 दिन के बाद अब माता जानकी मंदिर में पूजा-अर्चना होगी। माता जानकी मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा। परिषद का सील ताला खुलने से सिदरी में रहने वाले मिथिला समाज के लोगों में हर्ष है।

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