अधिकारियों से अधिक न हो कोल कर्मियों का वेतन

अभी जेबीसीसीआइ-11 के गठन को मंजूरी ही मिली है कि इसका विरोध भी शुरू हो गया है। अधिकारियों के संगठन ने इसका विरोध किया है। उन्हें इस बात का मलाल है कि लगातार वेज रिवीजन से कुछ कर्मचारियों का वेतन कुछ अधिकारियों के वेतन से अधिक हो जा रहा है। ऐसे में अधीनस्थ कर्मचारी अपने अधिकारियों की बात क्यों मानेंगे। वे किस मामले में अधिकारियों से कमतर हैं। जागरण संवाददाता धनबाद अभी जेबीसीसीआइ-11 के गठन को मंजूरी ही मिली है कि इसका विरो

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:20 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:20 AM (IST)
अधिकारियों से अधिक न हो कोल कर्मियों का वेतन
अधिकारियों से अधिक न हो कोल कर्मियों का वेतन

जागरण संवाददाता, धनबाद : अभी जेबीसीसीआइ-11 के गठन को मंजूरी ही मिली है कि इसका विरोध भी शुरू हो गया है। अधिकारियों के संगठन ने इसका विरोध किया है। उन्हें इस बात का मलाल है कि लगातार वेज रिवीजन से कुछ कर्मचारियों का वेतन कुछ अधिकारियों के वेतन से अधिक हो जा रहा है। ऐसे में अधीनस्थ कर्मचारी अपने अधिकारियों की बात क्यों मानेंगे। वे किस मामले में अधिकारियों से कमतर हैं। इससे पदानुक्रम का अनुशासन भंग होता है। अधिकारियों से अधिक सुविधा पाने वाले कर्मचारी उनकी बात क्यों मानेंगे। एक साथ हो सभी का वेज रिवीजन : राठौर

सार्वजनिक उपक्रम विभाग के सचिव को लिखे पत्र में ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कोल एक्जीक्यूटिव्स के प्रधान महासचिव पीके सिंह राठौर ने कहा है कि एनसीडब्ल्यूए-11 के दौरान कोल कंपनी ध्यान रखे कि किसी सूरत में वरिष्ठ कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों के बेसिक से अधिक न होने पाए। अन्यथा यह विरोध और बढ़ेगा। सिंह ने कहा है कि विसंगति का मुख्य कारण है कि कर्मचारियों के लिए पांच वर्ष पर जेबीसीसीआइ का गठन होता है। 10वां जेबीसीसीआइ का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है जबकि अधिकारियों का संपूर्ण सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारियों का वेज रिवीजन 10 वर्ष पर होता है। थर्ड पे रिवीजन कमेटी की अनुशंसा पर अधिकारियों का पिछला वेज रिवीजन पहली जनवरी 17 को लागू हुआ था जो दिसंबर 26 तक चलेगा। इस बीच कर्मचारियों का जेबीसीसीआइ 12 का समय होगा। इस बार ई फोर ग्रेड के अधिकारी से आगे बढ़ जाएंगे कर्मचारी

चार्ट के जरिए कर्मचारियों और अधिकारियों की वेतन वृद्धि दर्शाते हुए कहा है कि उच्च ग्रेड वाले कर्मचारियों का वेतन पिछली बार ही ई-1 ग्रेड के अधिकारियों से अधिक हो गया है। इस बार के वेज रिवीजन के बाद उनका वेतन ई-4 ग्रेड के अधिकारियों के बेसिक से अधिक हो जाएगा। इसी बेसिक के आधार पर पीएफ, ग्रेच्यूटी, महंगाई भत्ता आदि तय होता है। इस मामले में भी कर्मचारी अधिकारियों से आगे रहेंगे। इस विसंगति से दोनों के बीच हितों को लेकर टकराव और बढ़ेगा। अधिकारियों की भरपाई करें डीपीई

सिंह ने मांग की कि डीपीई इस विसंगति को दूर करने के लिए अधिकारियों को भी पर्सनल पे, श्रेणीबद्ध डीए अथवा अतिरिक्त राशि का भुगतान जैसे विकल्पों पर विचार करे। इससे निजात पाने के लिए एसोसिएशन ने सुझाव दिया है कि 10-5 के इस चक्कर को दूर करते हुए कंपनी बोर्ड की ओर से दोनों ही ग्रुपों का वेज रिवीजन एक साथ किया जाए। इससे रैंक एंड फाइल का अनुशासन कायम रहेगा। डीपीई यह सुनिश्चित करे कि कर्मचारियों का वेतन किसी भी तरह अधिकारियों से अधिक न हो।

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