Jawaharlal Nehru Biological Park: बोकारो जैविक उद्यान में तेंदुआ अक्षय की माैत, छह साल पहले जमशेदपुर से लाया गया था

बोकारो जैविक उद्यान में छह तेंदुए थे। नर तेंदुआ अक्षय की माैत के बाद अब पांच शेष रह गए हैं। जुलाई 2014 में टाटा चिड़ियाघर जमशेदपुर से अक्षय को लाया गया था। उसकी माैत की सूचना वन विभाग को दे दी गई है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 04:25 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 04:25 PM (IST)
Jawaharlal Nehru Biological Park: बोकारो जैविक उद्यान में तेंदुआ अक्षय की माैत, छह साल पहले जमशेदपुर से लाया गया था
तेंदुआ अक्षय को छह साल पहले जमशेदपुर से बोकारो जैविक उद्यान में लाया गया था।

बोकारो, जेएनएन। Jawaharlal Nehru Biological Park तेंदुआ अक्षय अब लोगों को नहीं दिखेगा। रविवार को जवाहरलाल नेहरू उद्यान( बोकारो जैविक उद्यान) में उसकी माैत हो गई। वह सुबह लगभग नाै बजे अपने बाड़े के अंदर मृत पाया गया। अक्षय बिलकुल स्वस्थ था। उसकी आयु 12 साल थी। माैत की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। माैत के बाद बोकारो जैविक उद्यान में अजीब तरह का सन्नाटा पसर गया है। पशु-प्रेमी उदास हैं। 

बाड़े में पाया गया मृत

बोकारो जैविक उद्यान में छह तेंदुए थे। नर तेंदुआ अक्षय की माैत के बाद अब पांच शेष रह गए हैं। जुलाई 2014 में टाटा चिड़ियाघर, जमशेदपुर से अक्षय को लाया गया था। उसकी माैत की सूचना  वन विभाग को दे दी गई है। अधिकारियों की देख रेख में तथा जैविक उद्यान के प्रभारी डॉ गौतम चक्रवर्ती की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया गया। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। जैविक उद्यान में अक्षय सबसे उम्रदराज तेंदुआ था। उसकी मौत की जानकारी तब हुई जब सुबह उसे भोजन देने के लिए बाड़ा खोला गया था तो वह अपने बाड़े के अंदर मृत पाया गया। शनिवार तक अक्षय बिल्कुल स्वस्थ था और लगभग 12 साल का था। इसे जुलाई 2014 में टाटा चिड़ियाघर, जमशेदपुर से यहां लाया गया था।

भारतीय तेंदुओं की उम्र 10 से 12 वर्ष

बताया जा रहा है कि सामान्य रूप से भारतीय तेंदुओं की उम्र 10 से 14 वर्ष की होती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मृत्यु के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा।

जून में हो गई थी शेरनी की मौत

इस वर्ष 3 जून को जैविक उद्यान की एक मात्र शेरनी रामेश्वरी की मौत हो गई थी।  रामेश्वरी की  मृत्यु 18 की उम्र में हुई थी। शेरनी की मृत्यु कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है। उसे मैत्री पार्क भिलाई से 12 दिसंबर 2008 को लाया गया था। 2002 में उसका जन्म भिलाई इस्पात संयंत्र के जैविक उद्यान में हुआ था।उसकी मृत्यु के बाद से शेरों का बाड़ा खाली है।

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