Dhanbad के तालाबों में जापानी पोठी, वियतनामी कबई जैसे मछलियों का होगा पालन
धनबाद के तालाबों में अब जापानी पोठी और वियतनामी कबई मछली का भी पालन होगा। विभाग ने इसकी तैयारी शुरु कर दी है। इसके साथ ब्लैक कार्प और औ- चितल जैसी मछलियां भी पाली जाएगी। मैथन डैम में बने केज में मछली पाली जाएगी।
जासं,धनबाद: धनबाद के तालाबों में अब जापानी पोठी और वियतनामी कबई मछली का भी पालन होगा। विभाग ने इसकी तैयारी शुरु कर दी है। इसके साथ ब्लैक कार्प और औ- चितल जैसी मछलियां भी पाली जाएगी। मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी ने बताया कि शुरुआत में मैथन डैम में बने केज में मछली पाली जाएगी। शुरुआत में छोटे स्तर पर इसका पालन होगा, धीरे - धीरे इसमें वृद्धि की जाएगी। विदेशी मछलियों के पालन को लेकर राज्य स्तर पर भी तैयारी पूरी कर ली गयी है। प्रक्रिया पूरी करने के लिए पूरे राज्य से करीब 100 मछली पालकों को इन नयी प्रजाति के मछली पालन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय मत्सि्याकी विकास बोर्ड नई दिल्ली की ओर से आयोजित की जाएगी।
31 तरह की मछलियों का हो रहा है पालन: धनबाद के तालाबों और जलाशयों में अभी 31 तरह की मछलियों का पालन हो रहा है। मैथन व पंचेत में पलने वाली मछलियां बंगाल भी भेजी जाती है। जिले के तालाबों में खैरा पोठी, ग्रास कॉर्प ,सिल्वर , कॉमन कॉर्प, मोनोसेक्स तेल्पिया जैसी मछली का भी पालन हो रहा है। जापानी पोठी और वियतनामी कवई का पालन करने में एक फायदा हो गा कि यह कम समय में ही बड़ी हो जाएगी और लोग इन मछलियों को खाने का मजा ले सकेंगे। इसके अलावा विभाग नदी के पास बने बड़े गड्ढों में भी मछली पालन की तैयारी कर रही है।
क्या कहते है अधिकारी: मामले में मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी ने बताया कि इस योजना को लेकर मत्स्य पालकों को रांची स्थित मत्स्य विभाग में ट्रेनिंग दी जाएगी। राज्य स्तर पर इसकी तैयारी चल रही है। प्रशिक्षण कार्य पूरा होने के बाद विदेशी मछलियों का जीरा पालकों को उपलब्ध कराया जाएगा। मत्स्य विभाग की ओर से पालकों को सहायता भी दी जाएगी।