Cyber Crime Hub Jamtara: दूसरों का माल उड़ा करोड़पति हो गए साइबर ठग, लाल कार्ड वालों के पास भी आलीशान बंगला

Cyber Crime Hub Jamtara जामताड़ा के साइबर अपराधियों की कहानी एक से बढ़कर एक है। सुनने वाले हैरान हो जाते हैं। सरकारी दस्तावेज में जो परिवार गरीबी रेखा के नीचे हैं वह साइबर ठगी से करोड़पति बन गए हैं। उनके पुलिस छापा मारती है तो लाखों हाथ लगते हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 05:46 PM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 08:20 PM (IST)
Cyber Crime Hub Jamtara: दूसरों का माल उड़ा करोड़पति हो गए साइबर ठग, लाल कार्ड वालों के पास भी आलीशान बंगला
जामताड़ा एसपी दीपक सिन्हा और साइबर अपराधी आनंद ( फोटो जागरण)।

प्रमोद चौधरी, जामताड़ा। जामताड़ा के साइबर अपराधी देश दुनिया की नाक में दम किए हैं। गांव की गलियों में बैठ आम से खास तक को ये चुटक‍ियों में शिकार बनाते हैं। इनके ऐशोआराम की कहानी भी निराली है। ऐसा ही एक ठग है सोनबाद गांव का आनंद रक्षित। तीन साल पहले तक उसका परिवार कच्चे मकान में रहता था। परिवार लाल कार्डधारक है। मगर ठगी से इसने करीब सवा करोड़ से अधिक की संपत्ति खड़ी कर दी। फिलहाल वह फरार है।

आनंद की पढ़ाई 8वीं तक

आनंद ने गांव के ही सरकारी स्कूल से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की। रुपये की ऐसी ललक थी कि चाहें किसी प्रकार से आए। यह नहीं देखा। तीन साल पहले साइबर अपराध के दलदल में फंस गया। रुपये आने लगे तो इसी राह पर बढ़ता चला गया। देखते ही देखते फर्श से अर्श तक पहुंच गया। मुखबिर की सूचना पर हाल में जब पुलिस ने उसके यहां छापा मारा। तब नकद 21 लाख के अलावा कार, स्कूटी, बाइक, पौने सात लाख की एफडी के कागज, 23 लाख 65 हजार रुपये की जमीन के कागज समेत 65 लाख की चल-अचल संपत्ति पुलिस के हाथ लगी। एक साथ घर में नकद 21 लाख रुपये व आलीशान मकान देख पुलिस दंग थी। पुलिस का कहना है कि उसका मकान करीब 60 लाख की लागत से बना है। अभी बैंक खातों को भी खंगाला जाएगा। उसके घर से 12 पासबुक मिली हैं। आनंद कुछ समय पहले कोलकाता कोर्ट से एक मामले में जमानत पर छूटा था। पुलिस ने कोलकाता के लाल बाजार थाने से उसकी तस्वीर मंगाई है।

घर पहुंच रहा सरकारी राशन

आनंद ने ठगी से करोड़ों कमाए पर पुलिस की नजरों से बचने के लिए लाल कार्ड का राशन जरूर उठाता था। उसकी पत्नी को भी उसके कारनामों की जानकारी थी। पिता हीरेन रक्षित तीन साल पहले तक साइकिल से घूम घूमकर कबाड़ खरीदते थे। खास बात ये कि ठगी का सारा मायाजाल गांव के घर में ही रहकर बुना। सिर्फ तीन साल में। बाकायदा गिरोह बनाकर। ठगी की रकम किराए पर लिए खातों में जमा करता था, बाद में निकालकर घर ले आता था।

करोड़ों ठगे, एफआइआर सिर्फ दो

सबसे चौंकाने वाली बात ये कि ठगी में करोड़ों कमाने वाले आनंद पर सिर्फ दो प्राथमिकी दर्ज हैं। एक कोलकाता के लाल बाजार थाना व दूसरी जामताड़ा के साइबर थाना में। करोड़पति होने के बाद भी लाल कार्ड रद न होना खाद्य आपूर्ति विभाग की पोल खोल रहा है। साइबर पुलिस उसकी अन्‍य संपत्तियों का पता लगा रही ताकि प्रवर्तन निदेशालय को जांच का प्रस्ताव भेजा जा सके।

फरार आनंद को जल्‍द पकड़ लेंगे। बीपीएल सूची वाले के पास करोड़ों की संपत्ति कहां से आ सकती है। 65 लाख की संपत्ति सामने है। घर भी 60 लाख से अधि‍क का है। कोलकाता से तस्वीर मंगाई है। उसके सारे बैंक खाते फ्रीज करेंगे। जब्त मोबाइल को खंगाल रहे हैं। पता कर रहे कि कहां कहां उसने ठगी की। उसकी संपत्ति की जांच का प्रस्ताव ईडी को भेजेंगे।

-दीपक सिन्हा, एसपी,जामताड़ा

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