Nagaland के आइएएस अधिकारी के खाते से देवघर के साइबर अपराधी ने खींचे रुपये 35 लाख, जामताड़ा पुलिस ने किया गिरफ्तार
बलराम ने बैंक अधिकारी बन नागालैंड के आइएएस अधिकारी को फोन किया। कहा कि मुंबई ब्रांच का वरीय बैंक अधिकारी हूं। आपका खाता अपडेट करना है। इसके लिए कुछ जानकारी दें अन्यथा आपका खाता बंद हो जाएगा। अधिकारी को एक लिंक भेजकर संबंधित जानकारियां मांगी।
जामताड़ा [ प्रमोद चौधरी ]। नागालैंड के एक आइएएस अधिकारी को देवघर के करौं निवासी बलराम मंडल ने 35 लाख रुपये की चपत लगा दी। साइबर ठग बलराम मंडल ने उनको खाता अपडेट करने के नाम पर झांसे में लिया और जून के पहले हफ्ते में ठग लिया। इस वारदात ने पुलिस की नींद उड़ा दी। उसका लोकेशन झारखंड में मिलने पर देवघर व जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस हफ्ते भर से पीछे पड़ी थी। जामताड़ा साइबर थाना के प्रभारी सह इंस्पेक्टर हरेंद्र राय ने पुलिस टीम के साथ गुरुवार की शाम अंतत: करमाटांड़ व करौं सीमा से उसे दबोचा। पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी व अनुसंधान बाधित होने की बात कह आइएएस अधिकारी का नाम नहीं बताया है। उसके पास से तीन मोबाइल व छह सिम बरामद हुए हैं।
जिस सिम से कॉल किया वह बरामद
बलराम ने बैंक अधिकारी बन उस अधिकारी को फोन किया। कहा कि मुंबई ब्रांच का वरीय बैंक अधिकारी है। उनका खाता अपडेट करना है। इसके लिए कुछ जानकारी दें, अन्यथा आपका खाता बंद हो जाएगा। अधिकारी को एक लिंक भेजकर संबंधित जानकारियां मांगी। अधिकारी से लिंक के जरिए वह जानकारी दे दी। तब बलराम व उसके सहयोगियों ने कई बार ट्रांजेक्शन कर 35 लाख रुपये उड़ाए। इनको वालेट के माध्यम से दूसरे खातों में भी भेज दिया। जिस सिम से आइएएस अधिकारी को कॉल किया, उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। अब पुलिस पता लगा रही कि रकम किस वालेट से किस खाते में जमा की गई। गिरोह के कितने सदस्य हैं, उनके तार कहां जुड़े हैं।
चिकन चिली आपूर्ति करते-करते बन गया ठग
बलराम ने पुलिस को बताया कि दो साल से साइबर ठगों के सानिध्य में है। पहले वह ठगों को चिकन चिली, चिकन लॉली पॉप आपूर्ति करता था। बाद में बंगाल व ओडिसा से सिम लाकर जामताड़ा व देवघर के ठगों को देने लगा। धीरे धीरे वह भी ठगी के गुर सीख गया। उसने कई लोगोंं को ठगा। पुलिस उससे बरामद सिम व मोबाइल के जरिए गिरोह के अन्य सदस्यों व सरगना की तलाश कर रही है। उसकी चल-अचल संपत्ति का भी पता किया जा रहा है।
साइबर थाना की पुलिस ने गुरुवार की शाम उसको पकड़ा। उसके पास से ठगी में प्रयुक्त सिम बरामद हो गया है। इसी से 35 लाख रुपये की चपत लगाई है। वह दो राज्यों से सिम लाकर जामताड़ा व देवघर के साइबर अपराधियों को देता था। दो साल से वह ठगी कर रहा है। उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रहे हैं। बरामद मोबाइल व सिम से ठगी के साक्ष्य मिले हैं।
- हरेंद्र राय, इंस्पेक्टर सह साइबर थाना प्रभारी, जामताड़ा।