आइएसएम के छात्रों ने मरीजों की मदद के लिए बनाया पोर्टल

कोविड से लड़ाई के लिए आइआइटी के छात्रों ने लोगों की मदद करने के लिए एक वेब आधारित पोर्टल तैयार किया है। जिससे कोरोना से जुड़ी तमाम जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:29 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:29 AM (IST)
आइएसएम के छात्रों ने मरीजों की मदद के लिए बनाया पोर्टल
आइएसएम के छात्रों ने मरीजों की मदद के लिए बनाया पोर्टल

जागरण संवाददाता, धनबाद : कोविड से लड़ाई के लिए आइआइटी के छात्रों ने लोगों की मदद करने के लिए एक वेब आधारित पोर्टल तैयार किया है। जिससे कोरोना से जुड़ी तमाम जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी। वैसे तो कई आइआइटी छात्रों ने कोरोना से जुड़े कई तरह के वेब पोर्टल बनाए है पर आइआइटी आइएसएम का यह वेब पोर्टल सीआर 21 नेटलिफाई एप लोगों की सहायता करने के लिए ही तैयार किया गया है। इस वेब पोर्टल में राज्यवार और जिलेवार कोरोना संक्रमण से जुड़ी तमाम जानकारी मसलन दवाई, ऑक्सीजन, अस्पताल में बेड की उपलब्धता, एंबुलेंस सेवा के विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। इस पोर्टल को लगातार अपडेट किया जाएगा। छात्रों का मानना है कि इससे कोरोना मरीजों को काफी मदद मिलेगी। उन्हें यह पता चल जाएगा कि कब और कहा उन्हें किस प्रकार की सहायता मिल सकती है। टीम के सदस्य मयंक राय ने बताया कि कोरोना दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में उनके व उनके परिवार के सदस्यों की मदद के लिए यह पोर्टल बनाया गया है। इसका लिंक भी जारी किया गया है। मयंक ने बताया कि इस वेब पोर्टल के माध्यम से उनकी जरूरत को तुरंत मुहैया कराया जा सकेगा। इस वेब पोर्टल को आइआइटी आइएसएम फाइनल ईयर इलेक्ट्रानिक एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिग के छात्र प्रतीक दिव्यांशु, ताजरील परवेज अली तथा मयंक राय ने बनाया है।

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कैसे मदद करेगा वेब पोर्टल

छात्र मयंक ने बताया कि फीडबैक लूप आधारित सिस्टम पर सीआर 21 नेटलिफाई एप को तैयार किया गया है। इसमें कम्यूनिटी और एडमिन दोनों अपनी जानकारी को साझा करेंगे। उपयोगकर्ताओं के द्वारा दिए गए संसाधनों को सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा। उसके पूर्व उसकी सत्यता जांच की जाएगी कि जो जानकारी उपयोगकर्ता डाल रहा है वह सही है या नहीं। जैसे यदि किसी को संक्रमित को धनबाद में ऑक्सीजन की जरूरत है तो उसका लिंक डाला हुआ रहेगा। यदि वह लिक काम नहीं कर रहा है तो उपयोगकर्ता जैसे ही मैसेज देगा कि लिक काम नहीं कर रहा है तो तुरंत अपडेटेड लिंक डाल दिया जाएगा। यानि उपयोगकर्ताओं के पास नए संसाधनों को जोड़ने या मौजूदा संसाधनों में कोई परिवर्तन करना चाहता है तो एडमिन उसके सत्यता की जांच करेगा यदि सही पाया गया तो उस लिंक को डालेगा नहीं तो उसे हटा दिया जाएगा। मयंक ने बताया कि इस एप की खासियत है कि जितने अधिक लोग इसमें शामिल होते हैं, यह ऐप उतना ही बेहतर काम करेगा। इस वेब पोर्टल में आपका केवल पांच मिनट का समय लगेगा और अनगिनत लोगों की मदद हो जाएगी। किसी भी प्रश्न के लिए इसमें एडमिन से सीधे संपर्क किया जा सकता है।

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