Dhanbad Crime News: क्या इंसान की जान हो गयी है सस्ती, जानिए धनबाद में कैसे बढ़ रहा है हत्या का ग्राफ
धनबाद में बाहुबलियों की कमी नहीं रही है। देश की आजादी के बाद से ही एक से एक बाहुबली धनबाद में आए और यहां राज किया है। इतने वर्षों में कुछ नए बाहुबली बने तो कुछ पुराने बाहुबलियों का साम्राज्य खत्म हो गया।
जासं, धनबाद: धनबाद में बाहुबलियों की कमी नहीं रही है। देश की आजादी के बाद से ही एक से एक बाहुबली धनबाद में आए और यहां राज किया है। इतने वर्षों में कुछ नए बाहुबली बने तो कुछ पुराने बाहुबलियों का साम्राज्य खत्म हो गया। एक - दो पुराने दबंग घराने तो अभी तक राज कर रहे है, मगर यह राज ऐसे ही धनबाद में कोई कायम नहीं कर लेता।इसके लिए लोगों को डराना, धमकाना और जरुरत पड़ने पर लोगों की हत्याएं करने से भी नहीं चुकना। धनबाद में हत्याओं की बात करें तो धीरे - धीरे इसमें इजाफा ही हुआ है पुलिस आकड़ों के हिसाब से वर्ष 2013 से धनबाद में हत्या का ग्राफ बढ़ा ही है।सिर्फ वर्ष 2017 में इसका ग्राफ थोड़ा कमा था।
हाइटेक हो गये है अपराधी: धनबाद में अब छोटे - मोटे अपराधी भी हाइटेक होते जा रहे है।घर में चोरी करने घुसे चोर भी पिस्टल लेकर घुसते है। यहीं नहीं थोड़ा सा भी खतरा लगने पर वह जरा भी नहीं हिचकिचाते। सामने वाले की हत्या कर वह फरार हो जाते है। हाल के दिनों में निरसा के एक मंदिर में दो चोर चोरी करने घुसे थे, आपस में झगड़ा हुआ तो एक - दूसरे की जान ले ली।
कोयले के क्षेत्र में रंगदारी के चलते भी होती है हत्या: धनबाद में कोयला सबसे बड़ा व्यापार माना जाता है। कोयला चोरी कर कई लोग करोड़पति की श्रेणी में आने लगे है। इसके लिए धनबाद में हत्या हो जाना बी आम बात है। भाजपा के केंदुआ मंडल अध्यक्ष सतीश सिंह की हत्या भी कोयले के क्षेत्र में रंगदारी नहीं देने के कारण ही हुई, वहीं आशीष रंजन भी रंगदारी मांगने से पीछे नहीं हट रहा है। सतीश सिंह हत्या के दोनों मुख्य आरोपी विकास सिंह और गांधी इन दिनों धनबाद जेल में बंद है।
वर्ष हत्या
2013 59
2014 61
2015 66
2016 70
2017 58
2018 88
2019 95
2020 97
2021 75( अगस्त तक)