खुल सकता है इंटक भवन और कांग्रेस कार्यालय Dhanbad Politics
जिला परिषद धनबाद ग्रामीण इलाकों के सभी वाहनों पड़ावों की बंदोबस्ती की तैयारी कर रही है। यह बंदोबस्ती का कार्य खुली डाक से किया जाएगा। इसके अलावा परिषद के बंद भवनों को खोलने की दिशा में भी कार्य कर रही है।
धनबाद, जेएनएन: जिला परिषद के कई भवन दस वर्षों से बंद पड़े हुए हैं। इन भवनों से परिषद की आय भी नहीं हो रही है। आगामी 23 जून को होने वाली बोर्ड बैठक में इन भवनों को खोलने पर निर्णय लेने को लेकर प्रस्ताव दिया गया है। जिला परिषद कार्यकारी समिति प्रधान रोबिन गोराई का मानना है कि परिषद अधिवक्ता से राय लेकर इन भवनों को खोला जा सकता है। यदि बोर्ड में यह सहमति बनती है तो इंटक भवन, कांग्रेस कार्यालय, आइएमए भवन समेत तमाम ऐसी भवनों से जिला परिषद को अच्छी आय होगी।
इसके अलावा जिला परिषद धनबाद ग्रामीण इलाकों के सभी वाहनों पड़ावों की बंदोबस्ती की तैयारी कर रही है। यह बंदोबस्ती का कार्य खुली डाक से किया जाएगा। इसके अलावा परिषद के बंद भवनों को खोलने की दिशा में भी कार्य कर रही है। जिला परिषद ग्रामीण विकास के लिए संवैधानिक संस्था है। इस बोर्ड बैठक में सात प्रस्तावों को शामिल किया जा रहा है। इन्हीं प्रस्तावों में ग्रामीण इलाकों के वाहन पड़ावों की खुली डाक से बंदोबस्ती करने, सम्पूर्ण इलाकों में होर्डिंग्स स्थल को चिन्हित कर निलामी करने समेत अन्य को शामिल किया गया है। जिला परिषद के लिए यह पहली बार होगा कि ग्रामीण इलाकों में लगने वाले होर्डिंग्स स्थलों की निलामी की जाएगी। जिला पिरषद कार्यकारी समिति के प्रधान रोबिन चंद्र गोराई की ओर से बताया गया है कि जिला परिषद की दुकानों का नवीनीकरण किया जाना है। इसके लिए एकरारनामा होगा। बोर्ड बैठक में इस मामले को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला परिषद में कनीय अभियंता नहीं हैं। ऐसे में विकास कार्य प्रभावित होते हैं। बोर्ड से उनकी मांग है कि अन्य विभागों से चार कनीय अभियंताओं की तब तक प्रतिनियुक्ति की जाए, जब तक नियमित तौर पर यहां कनीय अभियंता बहाल नहीं किए जाते हैं। जिला परिषद में अनुसेवकों की भी कमी है। ऐसे में 10 अनुसेवक, माली, रात्रि प्रहरी समेत अन्य को दैनिक पारिश्रमिक पर रखा जा सकता है।