Coal India में बोनस को लेकर मजदूर नेताओं ने प्रबंधन पर बनाया दबाव, 20 दिन पहले भुगतान की वकालत
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के उपाध्यक्ष एके झा कोयला व श्रम मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि इस बार कोयला मजदूरों को कोल इंडिया प्रबंधन से काफी उम्मीद है। बोनस का भुगतान 20 दिन पहले होना चाहिए।
जागरण संवाददाता, धनबाद। राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन की ओर से कोयला मंत्री और श्रम मंत्री को पत्र लिखकर मांग किया है कि कोयला मजदूरों को राष्ट्रीय आपदा में देश को कोयला आपूर्ति के लिए अपनी जिंदगी और मौत का सौदा लेकर कोयला उत्पादन किया। उसके परिवार की खुशहाली के लिए 20 दिन पहले बोनस भुगतान करने का फैसला लिया जाए। राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के उपाध्यक्ष एके झा कोयला व श्रम मंत्री को लिखे पत्र में कहा। उन्होंने कहा कि इस बार कोयला मजदूरों को इसकी अपेक्षा भी है। सरकार को इस पर सकारात्मक फैसला लेना चाहिए ताकि कोल इंडिया के लाभ, उत्पादन की स्थिति को देखते हुए मजदूर हित में बोनस का उचित भुगतान कर के कोल इंडिया परिवार को खुशहाल रखने का हम काम कर सकें। राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार जय मंगल (अनूप सिंह) विधायक ने टाटा के कर्मचारियों के लिए समय पर बोनस का फैसला करा कर एक नया मिसाल खड़ा किया है।
सीएमपीएफ पेंशन फंड का किया जाए मजबूत
झा ने कहा कि हमने कोयला मंत्री और श्रम मंत्री से इस बात की मांग करते है कि सीएमपीएफ पेंशन की राशि भुगतान के संकट को देखते हुए सरकार आउटसोर्सिंग ठेका मजदूरों को सीएमपीएफ का मेंबर बनाए ।उसकी नियमित राशि की कटौती स्थाई मजदूरों की तरह सीएमपीएफ के कोड में हो ताकि किसी भी स्थिति में पेंशन भुगतान के लिए पैसे का अभाव ना हो सके। इतना ही नहीं हर वेज बोर्ड के पहले सरकार किसी न किसी बहाने से कोयला के दाम को बढ़ाने का काम करती है। ऐसी स्थिति में कम से कम 25 रुपया प्रति टन पेंशनधारी श्रमिकों के लिए पेंशन राशि में रिजर्व फंड के रूप में सीएमपीएफ को भुगतान कराया जाए ताकि हर स्थिति में सीएमपीएफ मजबूत रहे, नियमित काम करें और रिटायर कामगारों को मानसिक पीड़ा से ना गुजरना पड़े। महंगाई पर नियंत्रण करें रिटायर कामगारों को नियमित पेंशन के भुगतान के लिए सारी व्यवस्था मजबूती से करें। लेकिन यह दुर्भाग्य है सरकार की नीतियों के चलते सीएमपीएफ कार्यालय उजड़ने के लिए विवश है। हजारों मजदूर परिवार जो पेंशन पर टिके हुए हैं उनकी जिंदगी जीने के सवाल पर प्रश्न खड़ा हो जाएगा।