JBCCI-11 की लड़ाई... इंटक ने कोल इंडिया चेयरमैन के खिलाफ ठोका मुकदमा, कोलकाता हाई कोर्ट पर मजदूर संगठनों की नजर
मुकदमा कोल इंडिया के चेयरमैन व सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी के ऊपर किया गया है। इसकी सूचना अदालत की ओर से ही ई मेल से सभी चार अन्य केंद्रीय श्रमिक संगठनों को भी दे दिया गया है।
धनबाद, जेएनएन। इंटक से संबद्ध इंडियन नेशनल माइन फेडरेशन ने जेबीसीसीआइ-11 में अपने प्रतिनिधित्व के लिए कोलकाता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। फेडरेशन के अध्यक्ष अनूप सिंह ने बताया कि मंगलवार को मेरी ओर से प्राधिकृत करने पर फेडरेशन के महामंत्री एसक्यू जामा व उपाध्यक्ष एके झा ने कोलकाता हाई कोर्ट में रिट दायर किया है। उसे अर्जेंट मैटर में भी हाई कोर्ट की ओर से रखा गया है। आगे की सुनवाई वर्चुअली की जाएगी।
मुकदमा कोल इंडिया के चेयरमैन व सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी के ऊपर किया गया है। इसकी सूचना अदालत की ओर से ही ई मेल से सभी चार अन्य केंद्रीय श्रमिक संगठनों को भी दे दिया गया है। सिंह ने बताया कि जेबीसीसीआइ-10 तक का गठन सरकार की ओर से किया जाता था। 10 में हमें सदस्य भी बनाया गया लेकिन कुछ नेता दिल्ली हाई कोर्ट गए तो इंटक के भाग लेने पर रोक लग गई। उस वक्त कोल इंडिया के चेयरमैन ने इंटक के समर्थन में आफीडेविट दिया था। इस बार जबकि कोल इंडिया को जेबीसीसीआइ-11 गठित करने का अधिकार दिया गया तो वह इससे मुकर कैसे सकती है। हमने यह भी कहा है कि टाटा में हमारे 1.5 लाख, सिंगरैनी में 25 हजार व कोल इंडिया में 49000 सदस्य हैं। ऐसे में हमे अलग रख कर कोई भी निर्णय कैसे लिया जा सकता है। पांच साल बाद भी हम पर प्रतिबंध नाजायज है।
विधि मंत्री तक से की फरियाद
फेडरेशन के उपाध्यक्ष एके झा के मुताबिक मुकदमा से पूर्व हमने केंद्रीय विधि मंत्री, केंद्रीय विधि सचिव, कोयला सचिव, कोल इंडिया चेयरमैन से भी बात की। सभी ने हमारी बातें सुनी लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं किया। कोल इंडिया चेयरमैन पर सारा दारोमदार छोड़ दिया। ऐसे में अदालत ही हमारी आखिरी उम्मीद थी। सभी आठ कंपनियों में इंटक की यूनियनों ने मुकदमे की सलाह दी और फेडरेशन अध्यक्ष अनूप सिंह को नामित किया। पुन: अनूप सिंह ने महामंत्री जामा व मुझे नामित किया जिसके बाद मंगलवार को अदालत में मुकदमा दर्ज हुआ।