International Nurses Day 2021: मिलिए Dhanbad के नर्स ब्रदर से; सेंट्रल अस्पताल में 17 वर्षों से दे रहे सेवा
कोरोना महामारी में आम लोगों की जान बचाने की मुहिम में डॉक्टरों के साथ नर्स समुदाय भी शामिल है। अमूमन नर्स का नाम लेते ही अस्पताल में सेवा देने वाली सिस्टर की छवि सामने आ जाती है। लेकिन आज मिलिए ब्रदर नर्स से जी हां।
धनबाद, मोहन गोप: कोरोना महामारी में आम लोगों की जान बचाने की मुहिम में डॉक्टरों के साथ नर्स समुदाय भी शामिल है। अमूमन नर्स का नाम लेते ही अस्पताल में सेवा देने वाली सिस्टर की छवि सामने आ जाती है। लेकिन आज मिलिए ब्रदर नर्स से, जी हां।
नर्स कि पेशा में अब पुरुष भी कैरियर बनाने लगे हैं। प्रवीण कुमार विगत 17 वर्षों से सेंट्रल अस्पताल में नर्स के पद पर कार्यरत हैं। वह मरीजों की देखभाल बिल्कुल सिस्टर नर्सों की तरह करते हैं। अस्पताल में डॉक्टर कर्मियों और मरीजों के बीच में वह ब्रदर नर्स से पुकारे जाते हैं। प्रवीण बताते हैं कि कोरोना महामारी में स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेवारी काफी बढ़ गई है। अपना घर परिवार छोड़कर सभी समुदाय की सेवा में लगे हैं। प्रवीण ने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस महामारी से समुदाय बाहर आएगा।
दिल्ली सरकार की नौकरी छोड़ बीसीसीएल में आए
प्रवीण बताते हैं कि 2004 में उन्होंने मध्य प्रदेश के ग्वालियर से नर्सिंग की पढ़ाई की थी। इसके बाद हुआ दिल्ली सरकार में नौकरी करने लगे। हालांकि इसके बाद उन्हें बीसीसीएल में नौकरी का प्रस्ताव आया। इसके बाद दिल्ली सरकार की नौकरी छोड़ दी। वर्ष 2007 से प्रवीण ने बीसीसीएल में अपना योगदान देना शुरू किया।
सेंट्रल अस्पताल में आठ ब्रदर नर्स
बीसीसीएल में अभी 136 नर्स सेवा दे रही हैं। इसमें आठ ब्रदर नर्स सेवा दे रहे हैं। प्रवीण कुमार वर्मा, सिल्वा दुबइ, अरविंद मीणा, गजेंद्र, लोकेश आदि सेवा दे रहे हैं। चिकित्सक के जाने के बाद मरीजों की सेवा इन्हीं की देखरेख में होती है।
एसएनएमएमसीएच में भी चार ब्रदर नर्स
जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच में चार ब्रदर नर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह सभी यहां पर जीएनएम की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके साथ ही अस्पताल में कोरोना वायरस के संकट काल में सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा कई जगहों पर निजी अस्पताल में भी ब्रदर सेवा दे रहे हैं।