इनोवेशन एक मानसिकता है, इसे विकसित करना होगा : राजीव शेखर
झारखंड पढ़ाई में बहुत आगे है। यहां भले ही उच्च शिक्षा बहुत अच्छी नहीं है पर यहां के स्कूल लाजवाब हैं। उक्त बातें आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कही। उन्होंने कहा कि यहां के छात्र देश के शीर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं के बेहतर प्रदर्शन करते हैं जो बताता है कि यहां के छात्रों में क्षमता जबरदस्त है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : झारखंड पढ़ाई में बहुत आगे है। यहां भले ही उच्च शिक्षा बहुत अच्छी नहीं है पर यहां के स्कूल लाजवाब हैं। उक्त बातें आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कही। उन्होंने कहा कि यहां के छात्र देश के शीर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं के बेहतर प्रदर्शन करते हैं, जो बताता है कि यहां के छात्रों में क्षमता जबरदस्त है। इन छात्रों को एक और क्षमता विकसित करनी है, वह है इनोवेशन। इनोवेशन का एक पहलू यह है कि कुछ नया बनाएं, कुछ नया करें। इनोवेशन का दूसरा पहलू है कि कोई जरूरी नहीं कुछ नया ही बनाएं यह एक मानसिकता है। जिसे हमें विकसित करते हुए इनोवेशन की ओर ले जाना है। उन्होंने कहा कि सपना साकार करना बहुत बड़ी बात है और इस सपने के आइआइटी के प्रोफेसर ने साकार करने का काम किया है। आइआइटी धनबाद की ओर से आयोजित झारखंड स्कूल इनोवेशन चैलेंज आविष्कार 2021 का अवार्ड शनिवार को विजेताओं को दिया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में इनोवेशन डायरेक्टर मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन के डा. मोहित गंभीर उपस्थित थे। इस दौरान राजकीयकृत मध्य विद्यालय धैया के छात्र शुभम कुमार शर्मा को पुरस्कृत किया गया। शुभम इस प्रतियोगिता में स्टेट चैम्पियन बने हैं। शुभम ने सर्च बोट प्रोजेक्ट बनाया था, जो सेंसर और जीपीआरएस के माध्यम से मलबे में दवे मानव को ढूंढकर उसको आपदा के समय सहायता पहुंचा सकता है। इसके अलावा इस प्रतियोगिता में कुल पांच छात्रों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का आयोजन नरेश वशिष्ठ सेंटर फार टिकरिग एंड इनोवेशन आइआइटी द्वारा किया गया था। इस अवसर पर डीन प्रो. धीरज कुमार, एसोसिएट डीन पंकज कुमार मिश्रा, अजित कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हम बच्चों में छुपी हुई प्रतिभा को प्रोत्साहित करते रहेंगे, जो सहज और सरल होगा। वहीं मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मुक्ता कुमारी, को कार्डिनेटर राजकुमार वर्मा, कंचन कुमारी को मोमेंटो, शील्ड, सर्टिफिकेट और एक लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया।