indian Railways: त्योहारी सीजन में नई ट्रेनों को मंजूरी नहीं मिलने से यात्रियों की बढ़ी परेशानी, धनबाद से खुल रही सिर्फ एक ट्रेन
त्योहारी सीजन में ट्रेनें कम चलने से रेल यात्रियों की परेशानी बढ़ा गई है। नई ट्रेनों को मंजूरी नहीं मिल रही है और पहले से चल रही ट्रेनों को ठहराव नहीं मिल रहे हैं। इससे परेशान यात्री सफर के लिए विकल्प की तलाश कर रहे हैं।
धनबाद, जेएनएन। त्योहारी सीजन में अजीबोगरीब व्यवस्था ने रेल यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। नई ट्रेनों को मंजूरी नहीं मिल रही है और पहले से चल रही ट्रेनों को ठहराव नहीं मिल रहे हैं। हैरान परेशान यात्री सफर के लिए विकल्प की तलाश में भटक रहे हैं। रेल अधिकारी का कहना है कि राज्य सरकार के आदेश पर ठहराव हटाया गया था। ठहराव वापसी को लेकर अब तक राज्य सरकार से कोई गाइडलाइन नहीं आया है। कुछ और ट्रेनों के लिए भी प्रस्ताव मुख्यालय भेज दिया है। पर इसके लिए भी राज्य सरकार को ही निर्णय लेना है। ॉ
चार जून को हटे थे स्टॉपेज, अब तक बहाल नहीं हुए : एक जून से रेलवे ने 100 जोड़ी ट्रेनें चलाई थी। इनमें धनबाद, बोकारो, गोमो, मधुपुर होकर चलने वाली कुछ ट्रेनें भी थीं। एकाएक झारखंड सरकार ने इन ट्रेनों का ठहराव अलग-अलग स्टेशनों पर बंद करा दिया। हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस के फेरे भी कम करा दिए। तब से इन ट्रेनों का ठहराव बंद ही है।
शिप्रा और लुधियाना एक्सप्रेस के ठहराव में नहीं हुए फेरबदल : रेलवे ने जब दूसरे चरण की ट्रेनों को चलाने की मंजूरी दी तो 12 सितंबर से लुधियाना, 14 से शिप्रा और 15 से दरभंगा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस भी चल पड़ी। ताज्जुब यह है कि इन ट्रेनों के ठहराव में कोई फेरबदल नहीं किया गया।
किस ट्रेन का कहां ठहराव नहीं
धनबाद ने 11 महत्वपूर्ण ट्रेनों की मांगी है अनुमति : धनबाद रेल मंडल ने तीन चरणों में 11 ट्रेनों को चलाने की अनुमति मांगी है।इनमें गंगा दामोदर, धनबाद अलेप्पी एक्सप्रेस और ब्लैक डायमंड एक्सप्रेस सबसे ऊपर हैं। पर मामला वेटिंग लिस्ट में है। रांची रेल मंडल ने भी बोकारो और धनबाद से गुजरने वाली रांची भागलपुर वनांचल एक्सप्रेस, रांची जयनगर एक्सप्रेस, मौर्य एक्सप्रेस जैसी अहम ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव दिया है। मामला ठंडे बस्ते में हैं।
पटना की ट्रेन को झारखंड आने से रोका तो ट्रेन ही बंद हो गई : रांची से पटना को जोड़ने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस भी पटरी पर लौट गई थी। पर कोरोना संक्रमण का हवाला देकर झारखंड सरकार ने इस ट्रेन को झारखंड आने से रोक दिया। नतीजा रेलवे ने इस ट्रेन को गया से पटना तक चलाना शुरू कर दिया। रेलवे का यह नुस्खा फ्लॉप रहा और यात्री नहीं मिलने से ट्रेन अगले आदेश तक रद करनी पड़ी।
माननीय भी बेफिक्र, किसी ने नहीं उठाया मुद्दा : पड़ोसी राज्य बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में इंटर स्टेट ट्रेनें चल रहीं हैं। पर झारखंड में धनबाद से रांची, जमशेदपुर समेत दूसरे शहरों के लिए अब तक ऐसी कोई बंदोबस्त की पहल तक नहीं हुई। पक्ष और विपक्ष दोनों खेमे के माननीयों ने इस पर आवाज उठाना तो दूर अब तक रेलवे से बातचीत भी नहीं की है।