IRCTC/ Indian Railways: रेलवे चाहती है यात्री हंगामा करें....हंगामा होते ही चलने लगती हैं ट्रेनें

रेलवे चाहती है यात्री हंगामा करें और ट्रेनों के पहिए थम जाएं। हंगामे के बाद ही अफसरों की नींद खुलती है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि पिछले एक पखवाड़े में हुई घटनाएं कुछ ऐसा ही इशारा कर रही हैं।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 01:58 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 01:58 PM (IST)
IRCTC/ Indian Railways:  रेलवे चाहती है यात्री हंगामा करें....हंगामा होते ही चलने लगती हैं ट्रेनें
पिछले एक पखवाड़े में हुई घटनाएं कुछ ऐसा ही इशारा कर रही हैं।

जागरण संवाददाता, धनबाद : रेलवे चाहती है यात्री हंगामा करें और ट्रेनों के पहिए थम जाएं। हंगामे के बाद ही अफसरों की नींद खुलती है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि पिछले एक पखवाड़े में हुई घटनाएं कुछ ऐसा ही इशारा कर रही हैं।

12 जुलाई को बिहार में पैसेंजर ट्रेनों को चलाने को लेकर घंटों हंगामा हुआ। सैंकड़ों की संख्या में लोग पटरी पर उतर गये। ट्रेनों के पहिए थमते ही रेलवे के अफसर हाई स्पीड हो गये। तुरंत 20 ट्रेनों को चलाने की अनुमति मांगी गई। एक ट्रेन को ग्रीन सिग्नल मिलने में महीनों लग जाते हैं। पर देर शाम मांगी गई 20 ट्रेनों को चलाने की अनुमति 13 जुलाई की सुबह ही मिल गई। रेलवे बोर्ड की मुहर लगते ही रेलवे ने बिहार की कई ट्रेनों को समूह में चलाने की घोषणा कर दी। 13 से 26 जुलाई के बीच ज्यादातर ट्रेनें चलने लगीं। रविवार को बिहार में ट्रेनों के ठहराव को लेकर फिर हंगामे की स्थिति बनी। स्थानीय लोगों के हंगामे के कारण बिहार की कई ट्रेनें प्रभावित हुईं। मेन लाइन की ट्रेनों को धनबाद होकर चलाना पड़ा। हंगामे के कारण रेलवे ने ठहराव देने को लेकर प्लानिंग शुरू कर दी है। धनबाद में बंद ट्रेनों को चलाने को लेकर अब तक मांगपत्र ही सौंपे गए हैं। हंगामे जैसी स्थिति नहीं बनी है। यही वजह है कि पहले डेढ़ साल तक दिल्ली में अटकी ट्रेनें अब हाजीपुर में फंस गई हैं। अब वहां के साहबों की मर्जी होगी तभी ट्रेन चलेगी। रैक तैयार होने और ट्रायल होने के बाद भी न तो धनबाद-सिंदरी पैसेंजर को हरी झंडी मिली और न ही धनबाद से टाटानगर जानेवाली स्वर्णरेखा एक्सप्रेस पटरी पर लौटी। ट्रेनें कब चलेंगी इसका जवाब धनबाद मंडल के अफसरों के पास भी नहीं है।  

chat bot
आपका साथी