विज्ञान से 2050 तक बनेंगे हम विश्व की दूसरी अर्थव्यवस्था

सिंफर में अंतराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन हुआ आयोजन। संस्थान में आकर स्कूली बच्चों की वैज्ञानिक जिज्ञासा हुई शांत।

By Edited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 11:37 AM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 11:41 AM (IST)
विज्ञान से 2050 तक बनेंगे हम विश्व की दूसरी अर्थव्यवस्था
विज्ञान से 2050 तक बनेंगे हम विश्व की दूसरी अर्थव्यवस्था

जामाडोबा, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन मंगलवार को विज्ञान मंत्रालय व विज्ञान भारती के तत्वावधान में डिगवाडीह सिंफर संस्थान में हुआ। महोत्सव में धनबाद जिला के सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों के सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया। उद्घाटन मुख्य अतिथि विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर सिंफर के निदेशक डॉ. पीके सिंह, नोडल अधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह, डिगवाडीह सिंफर के इंचार्ज डॉ. आशीष मुखर्जी थे। मंच संचालन डॉ. एनके श्रीवास्तव ने किया। निदेशक ने कहा कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को विज्ञान से जोड़ना है। जब तक बच्चे विज्ञान नहीं पढ़ेंगे। देश का विकास नहीं होगा। इसलिए सिंफर संस्थान ग्रामीण बच्चों को विज्ञान के प्रति जागरूक करने में लगा है।

कहा कि 2050 तक विज्ञान के बल पर ही हम दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्था बन पाएंगे। इसके लिए जरूरी है कि शिक्षण संस्थान के योग्य शिक्षक बच्चों में वैज्ञानिक सोच पैदा करें। हम अपने संसाधन के बल पर प्रोजेक्ट टेक्नोलॉजी को विकसित कर विश्व की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं। मुख्य अतिथि ने कहा कि विज्ञान से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों का एक बड़ा वर्ग गुणवत्ता रहने के बावजूद आधुनिक प्रयोगशाला के अभाव में काफी पीछे रह जाते है। सरकार की सोच है कि वैसे बच्चों की पहचान कर हम उन्हें स्वाबलंबी बनाकर विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ाये। कहा कि विज्ञान में भाषा की कोई बाध्यता नहीं होती है। हम अपनी मातृभाषा में भी विज्ञान सीख सकते हैं। झरिया, बलियापुर, बाघमारा, सिंदरी, बनियाहीर, जामाडोबा, डिगवाडीह, चंदनकियारी, पाथरडीह, लोदना आदि क्षेत्र के स्कूली बच्चों ने संस्थान के कोयले की प्रयोगशाला को देखा। वैज्ञानिकों ने बच्चों को पूरी जानकारी देकर उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा को शांत किया।

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