जल संयोजन शुल्क में बढ़ोतरी मध्यवर्गीय परिवार पर बोझ : पूर्व मेयर

पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने सोमवार को विभिन्न वार्ड के निवर्तमान पार्षदों के साथ राज्य सरकार द्वारा जल संयोजन शुल्क में की गई बढ़ोतरी के विरोध में उपायुक्त उमा शंकर सिंह को ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 03:49 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 03:49 AM (IST)
जल संयोजन शुल्क में बढ़ोतरी मध्यवर्गीय परिवार पर बोझ : पूर्व मेयर
जल संयोजन शुल्क में बढ़ोतरी मध्यवर्गीय परिवार पर बोझ : पूर्व मेयर

जागरण संवाददाता, धनबाद : पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने सोमवार को विभिन्न वार्ड के निवर्तमान पार्षदों के साथ राज्य सरकार द्वारा जल संयोजन शुल्क में की गई बढ़ोतरी के विरोध में उपायुक्त उमा शंकर सिंह को ज्ञापन सौंपा। उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने के बाद महापौर ने कहा कि गत 31 दिसंबर 2020 को नगर विकास विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर राज्य में जल संयोजन शुल्क में भारी बढ़ोतरी की गई है। यह मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बोझ सामान साबित होगा।

उन्होंने कहा कि नए नियम के अनुसार अब एक हजार वर्गफीट तक के क्षेत्रफल वाले आवास में वॉटर कनेक्शन लेने पर 7000 रुपये और एक हजार से अधिक पर 14000 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए 26 रुपये प्रति स्क्वायर फीट निर्धारित है, जो लाखों रुपए तक जा सकता है। पूर्व महापौर ने नए नियम के लागू होने से वाटर मीटर नहीं लगाने से छह माह में जल संयोजन स्वत: अवैध करने को भी गलत ठहराया और कहा कि लोगों को पहले नियम की जानकारी दी जाए और एक-एक उपभोक्ता को सूचना प्राप्त हो जाने के पश्चात छह माह का समय दिया जाय। बिजली विभाग की तरह वाटर मीटर को सर्टिफाई किया जाए। पानी नहीं मिलने पर उसकी जवाबदेही तय की जाए। जिन घरों में पानी की बोरिग है, वहां नगर निगम के द्वारा जलापूर्ति नहीं करने के निर्णय को गलत ठहराया और इसका विरोध किया। उन्होंने कहा जनता को नगर निगम के द्वारा दिए जा रहे जल संयोजन को लेने का अधिकार है। ज्ञापन सौंपते समय पूर्व महापौर के साथ निवर्तमान वार्ड पार्षद प्रिया रंजन कुमार, राकेश राम, निर्मल मुखर्जी, संजय यादव, अंडेला देवी, कुमार कौशल भी शामिल थे।

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