बरामदे में ही चल रहा है तंबाकू निषेध अभियान, धनबाद में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता

सदर अस्पताल परिसर के पास काफी संख्या में बैनर पंपलेट पोस्टर को बरामदे में ही खुले में रख दिया गया है। लगभग 6 महीने से या बैनर पोस्टर सब यहीं पर रखे हुए हैं। इसमें से कुछ बैनर पोस्टर को प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा गया है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 11:05 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 11:11 AM (IST)
बरामदे में ही चल रहा है तंबाकू निषेध अभियान, धनबाद में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता
सदर अस्पताल परिसर में बैनर पंपलेट पोस्टर को बरामदे में ही खुले में रख दिया गया है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद: राष्ट्रीय तंबाकू निषेध कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जाने वाला तंबाकू निषेध अभियान विभाग के बरामदे में ही सिमट कर रह गया है। दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तंबाकू निषेध कार्यक्रम के तहत बैनर पोस्टर सहित कई जरूरी पंपलेट स्वास्थ्य विभाग को मुहैया कराया गया है। लेकिन महकमा महज औपचारिकता पूरी करके अपने कामों से इतिश्री कर ले रहा है। जिला गैर संचारित रोग विभाग और से जिले में अभियान चलाना है। लेकिन कुछ जगहों पर अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने भी अपने काम पूरे कर लिए हैं।

स्वास्थ्य केंद्रों में भी पर्याप्त नहीं भेजे गए बैनर पंपलेट

सदर अस्पताल परिसर के पास काफी संख्या में बैनर पंपलेट पोस्टर को बरामदे में ही खुले में रख दिया गया है। लगभग 6 महीने से या बैनर पोस्टर सब यहीं पर रखे हुए हैं। इसमें से कुछ बैनर पोस्टर को प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा गया है। लेकिन मुख्यालय के निर्देश के अनुसार इस बैनर पोस्टर को सभी सरकारी विभागों में लगाने हैं। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थल सभी बैनर पोस्टर को लगाने का निर्देश दिया गया है। लेकिन विभाग की ओर से इस पर अभी तक पहल नहीं किया जा सका है।

तंबाकू सेवन से हर साल 14 लाख हो रहे हैं कैंसर के शिकार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की माने तो तंबाकू सेवन के वजह से हर साल 14 लाख लोग कैंसर अथवा कैंसर जनित रोगों के शिकार हो रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर हो रहा है। पान मसाला और गुटखा के वजह से लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा सिगरेट अथवा धूम्रपान करने से फेफड़े के कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। इसी को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नंदबाग सहित राज्य के सभी जिलों में यह अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसके लिए राज्य सरकार भी सहयोग कर रही है लेकिन धरातल पर अधिकारियों की उदासीनता की वजह से काम नहीं हो पा रहा है।

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