टुंडी के दो सौ गांवों में डेढ़ सौ चापाकल खराब, ग्रामीण गंदा पानी पीने को विवश

टुंडी प्रखंड के सुदूर दो सौ गांवों में 150 चापाकल खराब पड़े हुए हैं। जिसके कारण लोग गंदा पानी पीने को विवश हैं। वहीं टुंडी में खराब चापाकलों की मरम्मत की दिशा में ठोस पहल नहीं होने से बीडीओ संजीव कुमार ने पेयजल विभाग के कनीय अभियंता पर नाराजगी जताई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:33 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:33 PM (IST)
टुंडी के दो सौ गांवों में डेढ़ सौ चापाकल खराब, ग्रामीण गंदा पानी पीने को विवश
टुंडी के दो सौ गांवों में डेढ़ सौ चापाकल खराब, ग्रामीण गंदा पानी पीने को विवश

संवाद सहयोगी, टुंडी : टुंडी प्रखंड के सुदूर दो सौ गांवों में 150 चापाकल खराब पड़े हुए हैं। जिसके कारण लोग गंदा पानी पीने को विवश हैं। वहीं टुंडी में खराब चापाकलों की मरम्मत की दिशा में ठोस पहल नहीं होने से बीडीओ संजीव कुमार ने पेयजल विभाग के कनीय अभियंता पर नाराजगी जताई है। जानकारी के अनुसार मनियाडीह में पांच, पारसबनी में चार, सर्रा व बंगारो में तीन-तीन, नवादा, जांताखूंटी, डंडाटांड़, चैनपुर, नवाटांड़, झिनाकी, बाघमारा, जामकोल, गोयदहा, जीतपुर, पलमा, व बस्तीकुल्ही में दो-दो, परसा, शीतलपुर, खटजोरी, भेलवई, बांधडीह, कदवारा, विशनपुर, मधुपुर, पतरोबाद, नारो, बांदोजोर, पोस्तमारा, टकीपुर, गुलियाडीह व भुस्की एक-एक चापाकल खराब हैं। इसके अलावा पूर्णाडीह पंचायत में 10, कोलहर पंचायत में आठ, रतनपुर पंचायत में नौ, लुकैया पंचायत में 10, कटनिया पंचायत में दस बरवाटांड पंचायत में सात, लछुरायडीह पंचायत में नौ, कमारडीह पंचायत में आठ, बेगनोरिया में 10, कदैया पंचायत में 10 और राजाभीट्ठा पंचायत में 10 चापाकल खराब होने की सूचना है। कुछ माह पूर्व टुंडी पेयजल अभियंता का तबादला हो गया था। उसके स्थान पर बलियापुर के कनीय अभियंता ने अतिरिक्त पदभार लिया है। वे पदभार लेने के बाद से आज तक टुंडी के सुदूर गांवों की तरफ कभी झांकने तक नहीं आए हैं। इस कारण टुंडी में खराब चापाकलों की मरम्मत में कोई पहल नहीं हुई है। टुंडी की उपप्रमुख भवानी देवी ने कहा कि टुंडी के कनीय पेयजल अभियंता कभी क्षेत्र में दिखते ही नहीं हैं। वहीं आजसू नेता भास्कर ओझा ने इस मामले की जांच कर उनके ऊपर विभागीय कार्रवाई की मांग की है। इधर, टुंडी बीडीओ संजीव कुमार का कहना है कि पेयजल विभाग के कनीय अभियंता टुंडी नहीं आते हैं। ना ही जनता का फोन उठाते हैं। वे टुंडी के पदभार में हैं तो उन्हें टुंडी की जनता से मुखातिब होकर खराब चापाकलों की मरम्मत करानी चाहिए। इसमें कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं इस संबंध में कनीय अभियंता से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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