एसएलजी साइडिंग में बीसीसीएल को तीन दिन में तीन करोड़ का नुकसान
संवाद सहयोगी कतरास बीसीसीएल के एसएलजी रेलवे साइडिग से कोयले का डिस्पैच तीन दिनों से ठप ह
संवाद सहयोगी: कतरास: बीसीसीएल के एसएलजी रेलवे साइडिग से कोयले का डिस्पैच तीन दिनों से ठप है। पावर प्लांट के लिए कोयला लोड करने शनिवार को आई रेलवे की रैक साइडिग में खड़ी है। यह स्थिति इंटक समर्थकों के आंदोलन के चलते हुई है। रैक में मैनुअल लोडिग की मांग कर रहे इंटक समर्थक साइडिग में जगह- जगह पार्टी का झंडा गाड़ दिया है। जिसके चलते कोलियरियों से साइडिग तक कोयले की ढुलाई भी बंद है। परिवहन कंपनियां ब्लाक चार और न्यू आकाशकिनारी कोलियरी हाइवा के जरिए कोयला इस साइडिग में पहुंचाती है। यहां से रेल के जरिये मेजिया, बंकेश्वर व कोडराम पावर प्लांटों में कोयला भेजा जाता है।
नियोजन की मांग को लेकर इसी संगठन के लोगों ने पिछले माह एक सप्ताह तक साइडिग में आंदोलन किया था, जिसके चलते उक्त अवधि में रेलवे की रैक खाली खड़ी रह गई थी। क्षेत्रीय कार्यालय में महाप्रबंधक के साथ वार्ता के बाद काम चालू हुआ था। वार्ता का नतीजा सामने नहीं आने पर फिर से इंटक समर्थक आंदोलन पर उतर आए।
प्रबंधन का कहना है कि रेलवे वैगन में मैनुअली लोडिग का सवाल ही नहीं उठता है। यह कंपनी का नीतिगत मामला है। मशीन से लोडिग में काफी कम समय लगता है, जबकि आंदोलनकारी मैनुअली लोडिग या परिवहन कंपनी के अधीन नियोजन मांग रहे हैं। ऐसे में बीसीसीएल का काम प्रभावित हो रहा है।
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अब तक हो चुका तीन करोड़ से अधिक का नुकसान
ब्लाक चार के परियोजना पदाधिकारी केके सिन्हा ने बताया कि प्रतिदिन एक रैक कोयले का डिस्पैच इस साइडिग से होता है, जो बाधित है। अब तक करीब 15 हजार टन कोयले का डिस्पैच प्रभावित हुआ है। इससे करीब तीन करोड़ रुपये रुपए की क्षति हुई है। आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों को वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए समझाने की कोशिश की जा चुकी है।
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एसएसपी और एसडीएम से कार्रवाई की मांग
महाप्रबंधक जीसी साहा सोमवार को एसएसपी संजीव कुमार और एसडीएम सुरेंद्र प्रसाद से मिले। साइडिग में आंदोलन के चलते रेल के जरिए कोयले के डिस्पैच में हुई रुकावट की ओर ध्यान दिलाते हुए कार्रवाई की मांग की। आंदोलन के चलते कंपनी को हो रहे नुकसान से अवगत कराया। एसएसपी और एसडीएम ने शीघ्र आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया, ताकि निर्बाध गति से रेल के जरिए कोयले का डिस्पैच सुनिश्चित हो सके।