ज्येष्ठ माह के आमावस्या के दौरान झर‍िया में में तीन साै वर्षों से होती आ रही मां काली की अराधना

झरिया पोद्दारपाड़ा स्थित मां रक्षा काली मंदिर में बुधवार को 24 घंटे का अनुष्ठान शुरू हुआ। दिन भर उपवास रख शाम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने राजा तालाब में स्नान करते है। तत्पश्चात भूमि पर दंडवत करते हुए पाेद्दारपाड़ा स्थित मां रक्षा काली धाम पहुंचे।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 10:48 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 10:48 AM (IST)
ज्येष्ठ माह के आमावस्या के दौरान झर‍िया में  में तीन साै वर्षों से होती आ रही मां काली की अराधना
झरिया पोद्दारपाड़ा स्थित मां रक्षा काली मंदिर में बुधवार को 24 घंटे का अनुष्ठान शुरू हुआ। (जागरण)

 झरिया, जेएनएन: झरिया पोद्दारपाड़ा स्थित मां रक्षा काली मंदिर में बुधवार को 24 घंटे का अनुष्ठान शुरू हुआ। दिन भर उपवास रख शाम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने राजा तालाब में स्नान करते है। तत्पश्चात भूमि पर दंडवत करते हुए पाेद्दारपाड़ा स्थित मां रक्षा काली धाम पहुंचे। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि को यह उत्सव धूमधाम के साथ मां रक्षा काली धाम में आयोजित किया जाता है। जिसमें भाग लेने के लिए झरिया, धनबाद के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के भक्त मंदिर पहुंचते है। पोद्दारपाड़ा स्थित रक्षा काली मां के प्रति लोगों की काफी आस्था है। लोगों की माने तो मां काली उस दिन भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है। यही वजह से की कई लोग नये कपड़े पहन कर पुजा करने मंदिर आते है। मंदिर सदस्यों इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन के सभी नियमों का पालन करते हुए आयोजन किया गया है।

मंदिर को भव्य सजावत के किया गया तैयार 

प्रति वर्ष मां रक्षा काली मंदिर में यह पूजा त्यौहार की तरह लोग मनाते है। इस वर्ष कोरोना महामारी को लेकर यह काफी हद तक फिका कर दिया है। मंदिर के सदस्यों ने मंदिर को भव्य सजावट किया है। लेकिन जिला प्रशासन के नियमों के अनुसार मंदिर के सदस्या ने मां के दर्शन के अलावा पूजा अर्चना पर रोक लगा दी है। सुबह से ही पूजा की तैयारी में समिति के सदस्य सक्रिय हो जाते है। रात 9:50 को राजा तालाब कलश स्थापना में गाजाबाजा के साथ पर्वित्र जल लाया गया। प्रतिमा निर्माण के बाद रक्षा काली की विधि विधान से पूजा शुरू हुई। सुबह 4:46 को मां की प्रतिमा को विर्जन कर दिया जाएगा।

तीन सौ वर्षों से होती आ रही है पूजा :

झरिया पोद्दारपाड़ा रक्षा काली मंदिर में जारी मां काली की विशेष पूजा लगभग तीन सौ वर्ष पुरानी है। पंडितों के अनुसार राजा शिव प्रसाद सिंह के पूर्वजों ने रक्षा काली पूजा की शुरूआत की थी। जो लगातार जारी है। आयोजन का शुरूआत दिन ढलने के साथ शुरू होती है और दूसरे दिन सूर्योदय के पहले ही समाप्त हो जाती है। इस बारह घंटे के दौरान ही मां रक्षा काली की प्रतिमा निर्माण कर उनकी विशेष पूजा होती है। रात भर मंदिर परिसर में मेला का माहौल रहता है। पूरी रात लोगों का मंदिर में मां के दर्शन के लिए भक्तों का आना जाना ला रहता है। रात के अंतिम प्रहर यानी सूर्योदय के पहले ही रक्षा काली की बनी प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है।

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