धनबाद में 10 हजार लोगों ने कोरोना जांच में अपने नाम व पते दिए गलत
धनबाद में कोरोना जांच कराने वाले लगभग 10 लोगों ने अपने नाम पता और मोबाइल नंबर गलत दर्ज कराए थे। ऐसे सबसे ज्यादा मामले वर्ष 2020 में सामने आए। परिणाम यह हुआ कि स्वास्थ्य विभाग को ऐसे लोगों को ढूंढने काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
जागरण संवाददाता, धनबाद : धनबाद में कोरोना जांच कराने वाले लगभग 10 लोगों ने अपने नाम, पता और मोबाइल नंबर गलत दर्ज कराए थे। ऐसे सबसे ज्यादा मामले वर्ष 2020 में सामने आए। परिणाम यह हुआ कि स्वास्थ्य विभाग को ऐसे लोगों को ढूंढने काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं कई लाभुकों को काफी मशक्कत के बाद खोजना पड़ा। जिले में मई 2020 से मई 2021 में अब तक 6.50 लाख लोगों की कोरोना जांच की गई है। इसमें 10 हजार से अधिक ऐसे लोग मिले, जिन्होंने जांच तो करवाया लेकिन अपना नाम, पता व मोबाइल नंबर गलत दिया। विभाग ने ऐसे कई लोगों के खिलाफ केस भी किया है। यह आंकड़ा ऐसे लोगों का है, जिनकी जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग उन्हें कोविड अस्पताल में एडमिट कराने के लिए पहुंचा था। विभाग के कर्मियों को काफी खोजबीन के बाद भी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई थी। आरटीपीसीआर व ट्रूनेट जांच में भी खूब लिखे गए गलत नंबर
जिले में कोरोना जांच के लिए तीन तरह से लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। इसमें मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आरटीपीसीआर, वहीं एसएनएमएमसीएच और सदर अस्पताल में ट्रूनेट की जांच की जा रही है। जबकि भीड़भाड़ वाले और रेलवे स्टेशन पर एंटी रैपिड किट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। विभाग की मानें तो आरटीपीसीआर व ट्रूनेट जांच में अधिकतर लोगों ने अपनी गलत जानकारी दी। आधे लोगो ने अपना नाम ही बताया गलत
कोरोना जांच में सबसे ज्यादा मामला नाम और पता को लेकर फंसा। लगभग पांच हजार लोगों ने विभाग को अपना गलत नाम बताया। वहीं शेष ने नाम के साथ-साथ गलत पता भी दिया। यही कारण रहा कि विभाग के अधिकारी काफी परेशान रहे। बाद में कई लोगों के नाम व पते पर विभाग की टीम पहुंची और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। लोग छुपाते रहे और संक्रमण बढ़ता रहा
जिला महामारी रोग विभाग के प्रभारी डॉ राजकुमार सिंह ने बताया कि जिले में ज्यादा संक्रमण फैलने का यह भी मुख्य कारण रहा। लोगों को हम ट्रैस नहीं कर सके लिहाजा यह शहर व आसपास के इलाकों में घूमकर संक्रमण फैलाते रहे। हालांकि अब स्थिति पहले जैसी नहीं है, लोग अब काफी जागरूक हो रहे हैं। दो दिन बाद अपार्टमेंट मिला, लेकिन वह भी निकला फर्जी
दिल्ली से धनबाद आने वाले एक शख्स ने अपना पता शक्ति मंदिर के पास एक अपार्टमेंट का बताया। वह संक्रमित पाए गए। दो दिनों तक विभाग की टीम दिए गए पते की खोजबीन करती रही लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद एक अपार्टमेंट के पास विभाग की टीम गई लेकिन इस अपार्टमेंट का नाम भी गलत था।