Covid Center: यहां एलोपैथ व आयुर्वेद-योग में नहीं कोई मत मतभेद; अंग्रेजी दवाओं के साथ चल रहा योगाभ्‍यास

कोरोना महामारी में एक और एलोपैथ और आयुर्वेद के बीच में विशेषज्ञ अपने को श्रेष्ठ बताने में तुले हैं। तो दूसरी ओर कई जगहों पर मरीजों को दोनों चिकित्सा पद्धति का लाभ दिया जा रहा है। पद्धति कोई भी हो यदि मरीज को लाभ हो तो यह जरूरी है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 04:53 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 04:53 PM (IST)
Covid Center:  यहां एलोपैथ व आयुर्वेद-योग में नहीं कोई मत मतभेद; अंग्रेजी दवाओं के साथ चल रहा योगाभ्‍यास
कोरोना में एक और एलोपैथ और आयुर्वेद के बीच में विशेषज्ञ अपने को श्रेष्ठ बताने में तुले हैं। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

 धनबाद, जेएनएन: कोरोना महामारी में एक और एलोपैथ और आयुर्वेद के बीच में विशेषज्ञ अपने को श्रेष्ठ बताने में तुले हैं। तो दूसरी ओर कई जगहों पर मरीजों को दोनों चिकित्सा पद्धति का लाभ दिया जा रहा है। पद्धति कोई भी हो यदि मरीज को लाभ हो, तो यह जरूरी है। इसी के नक्शे कदम पर एसएन एसएमसीएच के पीजी ब्लॉक में मरीजों को दवाओं के साथ योग और मंत्रोच्चारण से इलाज किया जा रहा है। सेंटर के प्रभारी डॉ डीपी भूषण में बिना लक्षण वाले संक्रमित मरीजों के लिए अलग से योग केंद्र बनाया है। इसमें मरीजों को वैदिक मंत्र उच्चारण भी कराया जा रहा है इसके लिए बतौर एक योग प्रशिक्षक को भी नियुक्त किया गया है। यहां के मरीज भी प्रतिदिन योग और वैदिक मंत्रोच्चारण कर रहे हैं।

तनाव दूर करता है योग और वैदिक मंत्रोच्चारण

अस्पताल के प्रभारी डॉ डीपी भूषण ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों में तनाव का स्तर काफी ज्यादा दिख रहा है। कई प्रकार के तनाव के वजह से कई मरीज डिप्रेशन में चले जाते हैं। ऐसे में योग इस तरह के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। यही वजह है कि अस्पताल में आने वाले बिना लक्षण के मरीजों की पहले पहचान की जाती है। इसके बाद ऐसे मरीज को योग और वैदिक मंत्र मंत्र उच्चारण से तनाव का स्तर कम किया जा रहा है।

दूसरे केंद्र में भी खोले जा सकते हैं योग

पीजी ब्लॉक में योग सेशन शुरू करने के साथ ही दूसरे केंद्र में भी इसकी शुरुआत की जा सकती है। संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है। संख्या बढ़ने पर इस तरह के सेशन चला सकते हैं। डॉक्टर ने बताया कि हर चिकित्सा पद्धति का अपना अपना स्थान है। कई ऐसी बीमारियां है जो योग और आयुर्वेद से ठीक हो सकती है। प्रायोगिक तौर पर भी इसे देखा गया है। यदि मरीजों को फायदा होता है, तो इसे करना चाहिए।

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