Sea Ecosystem: सांपों की मौत से समुद्र में बढ़ा कैट फिश का साम्राज्य, पारिस्थितिकी तंत्र पर बढ़ रहा खतरा
जीव विज्ञानी डा. तापस चटर्जी व राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान गोवा के विज्ञानियों ने इस पर गहन अध्ययन किया है। शोध का प्रकाशन पोलैंड के जर्नल एक्टा बायोलाजिका में इसी वर्ष मार्च में हुआ है। मछली पकडऩे के लिए जो जाल डाल रहे है उनमें समुद्री सांप फंस रहे हैं।
तापस बनर्जी, धनबाद। इंसानों की आबादी बढ़ रही है। उनके भोजन के लिए अधिक से अधिक समुद्री मछली मछुआरे निकाल रहे हैं। मगर, इनके जाल में मछलियों के साथ समुद्री सांप भी फंसकर मर रहे हैं। नतीजा समुद्र में कैट फिश की संख्या बढ़ रही है। जो समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र (ईको सिस्टम) के लिए खतरे की घंटी है। धनबाद के जीव विज्ञानी डा. तापस चटर्जी व राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान गोवा के विज्ञानियों ने इस पर गहन अध्ययन किया है। शोध का प्रकाशन पोलैंड के जर्नल एक्टा बायोलाजिका में इसी वर्ष मार्च में हुआ है।
समुद्री सांप के भोजन में 80 फीसद कैट फिश
डा. चटर्जी ने बताया कि मछुआरे मछली पकडऩे के लिए जो जाल डाल रहे है, उनमें समुद्री सांप (हाइड्रोफिश सिस्टोसस) भी फंस रहा है। इसकी श्वसन प्रणाली हवा से आक्सीजन लेती है। यह पानी में घुलित आक्सीजन नहीं लेता। जाल में फंसने से यह ऊपर नहीं आ पाता और छटपटाकर मर जाता है। मछुआरे मछली निकाल लेते हैं, सांप तट पर ही फेंक देते हैं। अध्ययन के दौरान सांपों के पेट में कैट फिश पाई गई। समुद्री सांप के कुल भोजन में 80 फीसद कैट फिश ही होती है। टीम में डा. चटर्जी के अलावा राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के विज्ञानी गंगाधर तांबरे, संभाजी मोटे, कल्याण डे, दीपा योगी, महेश जाधव, बबन इन्गोले और मंदार ननजकर हैं।
यूं प्रभावित होगा ईको सिस्टम
अध्ययन में पता चला है कि जाल में फंसने वाले 90 फीसद सांप किशोर अवस्था वाले होते हैं। जो बेहद सक्रिय होते हैं। कैट फिश का जमकर शिकार करते हैं। इनकी संख्या कम होने पर कैट फिश की संख्या बढ़ेगी। कैट फिश का भोजन छोटे जीव, छोटी मछलियां व उनके लार्वा हैं। इसलए इन मछलियों की संख्या घटने लगेगी। इससे बड़ी मछलियां प्रभावित होंगी, इससे फूड चेन प्रभावित होगा। साथ ही मछलियां सड़ी-गली चीजें खाकर पानी भी साफ रखती हैं, इसके भी प्रभावित होने की आशंका है।
गोवा में समुद्र से लिए गए नमूने
समुद्री सांपों की मौत से जुड़े आंकड़े जुटाने के लिए विज्ञानियों ने गोवा के मिरामार तट का चयन किया। यहां से नमूने लिए। अध्ययन में पता चला कि दो माह में मछली पकडऩे के दौरान 1448 समुद्री सांप जाल में फंसकर मर गए। इनमें 145 वयस्क व 1303 किशोर सांप थे।
मछुआरों को करना होगा जागरूक
बकौल डा. चटर्जी, मछुआरों को इन सांपों की महत्ता समझनी होगी क्योंकि इनकी मौत से भविष्य में उनको ही नुकसान होगा। जिस मछली पर वे आश्रित हैं उनकी संख्या कम होती जाएगी। इसलिए मछली पकडऩे के लिए ऐसे जाल का उपयोग हो, जिनसे सांप आसानी से निकल सकें।