IIT ISM Dhanbad: भविष्य में कैसा होगा ऊर्जा का स्रोत खोजेंगे आईआईटीयन

आईआईटी के छात्र बताएंगे कि वर्ष 2040 मे ऊर्जा का स्वरूप कैसा होगा क्या आने वाले वर्षों में भारत के लोग सोलर एनर्जी विंड एनर्जी या किसी अन्य उर्जा स्वरूप पर आश्रित होंगे या तेल अथवा गैस क्षेत्र पर ही ऊर्जा की मांग तथा आपूर्ति के लिए निर्भर रहेंगे।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 04:53 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 04:53 PM (IST)
IIT ISM Dhanbad:  भविष्य में कैसा होगा ऊर्जा का स्रोत खोजेंगे आईआईटीयन
आईआईटी के छात्र बताएंगे कि वर्ष 2040 मे ऊर्जा का स्वरूप कैसा होगा। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : आईआईटी के छात्र बताएंगे कि वर्ष 2040 मे ऊर्जा का स्वरूप कैसा होगा, क्या आने वाले वर्षों में भारत के लोग सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी या किसी अन्य उर्जा स्वरूप पर आश्रित होंगे या तेल अथवा गैस क्षेत्र पर ही ऊर्जा की मांग तथा आपूर्ति के लिए निर्भर रहेंगे।

आईआईटी आईएसएम के छात्रों की संस्था सोसायटी ऑफ पैट्रोलियम इंजीनियर आईएसएम चैप्टर की ओर से एनर्जी रिवॉल्यूशन (ऊर्जा क्रांति) 2040 प्रतियोगिता की घोषणा की गई है। प्रथम वर्ष इंजीनियरिंग छात्रों के अलावा देश के अन्य पैट्रोलियम इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राएं भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है 19 जून रजिस्ट्रेशन के बाद 20 जून को प्रतियोगिता का आयोजन होगा।

छात्र-छात्राएं इस प्रतियोगिता में ऊर्जा क्षेत्र का भविष्य के साथ अपनी रचनात्मकता भी सामने रखेंगे। एसपीई आईआईटी स्टूडेंट चैप्टर से जुड़े छात्र राजकुमार का कहना है कि हम लोगों ने भविष्य में ऊर्जा स्रोत को ले कर प्रथम वर्ष के छात्रों को इस संबंध में कई चुनौती दी है। दुनिया भर में भविष्य की ऊर्जा की खोज, मंथन या उसके विकल्प पर चर्चा शुरू हो गई है। एसपीई आयोजित यह प्रतियोगिता छात्रों को प्रोत्साहन के साथ ही बेहतर मंच पर प्रदान करेगा। एक टीम में तीन से चार छात्र-छात्राएं शामिल हो सकते हैं। उनमें से दो सदस्य पेट्रोलियम छोड़कर दूसरी ब्रांच के होने चाहिए। छात्रों को अपनी मौलिक सोच के साथ डाटा का भी विश्लेषण करना होगा। आठ मिनट में अधिकतम 15 स्लाइड के माध्यम से छात्रों को प्रेजेंटेशन करना है। विशेषज्ञ 5 मिनट का प्रश्न भी पूछेंगे। उम्मीद है कि भविष्य के ऊर्जा स्रोतों के लिए यूनिक आइडिया के साथ छात्र इसमें शामिल होंगे। प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राएं इस चुनौती को स्वीकार करते हुए हिस्सा ले।

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