मोटर वाहन व एयरोस्पेस उद्योग की चुनौतियों को दूर करेगा आइआइटी आइएसएम

कैपजेमिनी इंडिया के साथ मिलकर आइआइटी आइएसएम एयरोस्पेस ऑटोमोबाइल तथा मेनुफेक्चरिग इंडस्ट्री (विनिर्माण उद्योग) के लिए इनोवेटिव (अभिनव) समाधान विकसित करेगा। कैपजेमिनी इंडिया ने आइआइटी के साथ मिलकर काम करने की घोषणा कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 03:13 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 03:13 AM (IST)
मोटर वाहन व एयरोस्पेस उद्योग की चुनौतियों को दूर करेगा आइआइटी आइएसएम
मोटर वाहन व एयरोस्पेस उद्योग की चुनौतियों को दूर करेगा आइआइटी आइएसएम

जागरण संवाददाता, धनबाद : कैपजेमिनी इंडिया के साथ मिलकर आइआइटी आइएसएम एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल तथा मेनुफेक्चरिग इंडस्ट्री (विनिर्माण उद्योग) के लिए इनोवेटिव (अभिनव) समाधान विकसित करेगा। कैपजेमिनी इंडिया ने आइआइटी के साथ मिलकर काम करने की घोषणा कर दी है। कैपजेमिनी और आइआइटी आइएसएम के बीच इस गठबंधन का उद्देश्य उद्योग है कि शिक्षा के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से कैपजेमिनी इंजीनियरिग तथा बेहतर जीवन के लिए लो-कार्बन टेक्नोलॉजी से संबंधित है। इस संयुक्त परियोजना के तहत एक मॉडल-आधारित सिस्टम इंजीनियरिग (एमबीएसइ) फ्रेमवर्क को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो मोटर वाहन और एयरोस्पेस उद्योग की कुछ मौजूदा चुनौतियों को दूर करने में मददगार साबित होगी। इसके तहत उत्पाद जटिलता प्रबंधन, नेट-जीरो सस्टेनेबिलिटी सॉल्यूशन, कार्यक्षेत्रों में सुरक्षा, उत्पादकता और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने संबंधी चुनौतियां शामिल हैं। आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कैपजेमिनी के साथ इस साझेदारी से संस्थान के छात्रों को अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिग्स तथा अन्य तकनीक से अवगत कराया जाएगा। कैपजेमिनी के साथ इस सहयोग से संस्थान के प्रोफेसर को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में इंटेलिजेंट इंडस्ट्री टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से संबंधित वास्तविक जीवन के मामलों के अध्ययन में न केवल मदद मिलेगी बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर के संस्थान से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा। इसके अलावा, कैपजेमिनी और आइआइटी आइएसएम प्रमुख उद्योगों की वर्तमान चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। इस मौके पर भारत में कैपजेमिनी के मुख्य तकनीकि एवं इनोवेशन अधिकारी निशीथ श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों संस्थानों की साझेदारी डिजिटल सह-नवाचार की संरचना पर आधारित है, जो इसकी सबसे बड़ी खासियत है। इसे आइआइटी आइएसएम के कुशल शिक्षाविदों और प्रशिक्षु छात्रों के साथ तैयार किया जाएगा।

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