कोरोना संक्रमित की मदद करेगा IIT ISM; वेब पोर्टल पर देश के किसी भी कोने से रख सकते है समस्या
आपके पांच मिनट से कईयों की जान बच सकती है। उन्हें उचित समय पर चिकित्सा सुविधा मुहैया हो सकेगी। इसके लिए बस आपको वेब पोर्टल पर कोविड से जुड़ी जानकारियों को शेयर करना है। यह काम आप कुछ मिनटों में ही कर सकते है।
धनबाद, जेएनएन: आपके पांच मिनट से कईयों की जान बच सकती है। उन्हें उचित समय पर चिकित्सा सुविधा मुहैया हो सकेगी। इसके लिए बस आपको वेब पोर्टल पर कोविड से जुड़ी जानकारियों को शेयर करना है। यह काम आप कुछ मिनटों में ही कर सकते है।
कोविड से लड़ाई के लिए आइआइटी के छात्रों ने कम्यूनिटी को मदद करने के लिए एक वेब आधारित पोर्टल तैयार किया है। जिससे देश में कोरोना से जुड़ी तमाम जानकारियों को हांसिल करने में मदद मिलेगी। वैसे तो देश के कई आइआइटी छात्रों ने कोराना से जुड़े कई तरह के वेब पोर्टल बनाए है पर आइआइटी आइएसएम का यह वेब पोर्टल सीआर 21 नेटलिफाई एप कम्यूनिटी की सहायता करने के लिए ही तैयार किया गया है। इस वेब पोर्टल में राज्यवार और जिलेवार कोरोना संक्रमण से जुड़ी तमाम जानकारी मसलन दवाई, ऑक्सीजन, अस्पताल में बेड की उपलब्धता, एंबुलेंस सेवा के विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। इस पोर्टल को लगातार अपडेट किया जाएगा। छात्रों का मानना है कि इससे कोराेना से जंग लड़ने में कम्यूनिटी को काफी मदद मिलेगी। कोरोना से लड़ने के लिए यह जानना बेहद जरूरी है। उन्हें कब और कहा और किस प्रकार की सहायता मिल सकती है। टीम के सदस्य मयंक राय ने बताया कि कोविड के दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पूरे देश में कोविड के रोगियों और उनके परिवारों की मदद के उद्देश्य से यह पोर्टल बनाया गया है। जिसका लिंक भी जारी किया गया है। मयंक ने बताया कि कोविड से जुड़ी जरुरत की प्रत्येक चीजों को खोजने में मदद मिलेगी। इस वेब पोर्टल के माध्यम से उनकी ज़रूरत के तुरंत मुहैया कराया जा सकेगा। इस वेब पोर्टल को आइआइटी आइएसएम फाइनल ईयर इलेक्ट्रानिक एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के छात्र प्रतीक दिव्यांशु , ताजरील परवेज अली तथा मयंक राय ने बनाया है।
कैसे मदद करेगा वेब पोर्टल
आइआइटी आइएसएम के छात्र मयंक ने बताया कि फीडबैक लूप आधारित सिस्टम पर सीआर 21 नेटलिफाई एप को तैयार किया गया है। इसमें कम्यूनिटी और एडमिन दोनो अपनी जानकारी को साझा करेंगे। उपयोगकर्ताओं के द्वारा दिए गए संसाधनों को सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा। उसके पूर्व उसकी सत्यता जांच की जाएगी कि जो जानकारी उपयोगकर्ता डाल रहा है वह सही है या नहीं। जैसे यदि किसी को कोविड संक्रमित को धनबाद में ऑक्सीजन की जरूरत है तो उसका लिंक डाला हुआ रहेगा। यदि वह लिंक काम नहीं कर रहा है तो उपयोगकर्ता जैसे ही मैसेज देगा कि लिंक काम नहीं कर रहा है तो तुरंत अपडेटेड लिंक डाल दिया जाएगा। यानि उपयोगकर्ताओं के पास नए संसाधनों को जोड़ने या मौजूदा संसाधनों में कोई परिवर्तन करना चाहता है तो एडमिन उसके सत्यता की जांच करेगा यदि सही पाया गया तो उस लिंक को डालेगा नहीं तो उसे हटा दिया जाएगा। मयंक ने बताया कि इस एप की खासियत है कि जितने अधिक लोग इसमें शामिल होते हैं, यह ऐप उतना ही बेहतर काम करेगा। इस वेब पोर्टल में आपका केवल पांच मिनट का समय लगेगा और अनगिनत लोगों की मदद हो जाएगी। किसी भी प्रश्न के लिए इसमें एडमिन से सीधे संकर्प किया जा सकता है।