हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को IIT ISM धनबाद देगा डिजिटल सपोर्ट

प्राे सिखा सिंह ने बताया कि प्राेडक्ट का पहले डिजिटल प्राेटाेटाइप बनाते हैं। और फिर मैनुफैक्चरिंग हाेती है। इसके लिए विभिन्न टूल्स की जरूरत हाेती है और ऐसे टूल्स बनाने में आईआईटी मदद कर सकता है। जाे चीजें पहले से हैं उसे बेहतर रूप में विकसित किया जा सकता है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:56 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:56 AM (IST)
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को IIT ISM धनबाद देगा डिजिटल सपोर्ट
प्राे सिखा सिंह ने बताया कि प्राेडक्ट का पहले डिजिटल प्राेटाेटाइप बनाते हैं। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता धनबाद: आईआईटी आईएसएम, धनबाद और हिंदुस्तान एराेनाॅटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच समझाैते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके तहत डिजिटलाइजेशन और डिजीटल ट्रांसफाॅर्मेशन पर काम किए जाएंगे। एमओयू के दाैरान एचएएल से सीईओ सजल प्रकाश, ईडी संजय कुमार गर्ग, एचआर चंद्रकांत के जीएम, रंजन वैश और प्रशांत सिंह माैजूद थे। वहीं आईआईटी से निदेशक प्राे राजीव शेखर, उप निदेशक प्राे शालिवाहन, विभागाध्यक्ष प्राे साैम्या सिंह और प्राे सिखा सिंह माैजूद थीं। प्राे सिखा सिंह ने बताया कि एमओयू के बाद संस्थान के विद्यार्थी एचएएल में जाकर जान पाएंगे कि एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री में क्या और कैसे काम हाे रहे हैं। दाेनाें संस्थानाें की और से रिसर्च में सहयाेग किया जाएगा। विभिन्न प्राेजेक्ट चला जा सकते हैं। जिससे हल काे मैनुफैक्चरिंग और स्वदेशी प्राेजेक्ट में फायदा हाे। एक तरह से विभिन्न प्राेजेक्ट के माध्यम से विद्यार्थी और शिक्षक सहयाेग देंगे।

टूल्स बनाने में मदद कर सकता है संस्थान

प्राे सिखा सिंह ने बताया कि प्राेडक्ट का पहले डिजिटल प्राेटाेटाइप बनाते हैं। और फिर मैनुफैक्चरिंग हाेती है। इसके लिए विभिन्न टूल्स की जरूरत हाेती है, और ऐसे टूल्स बनाने में आईआईटी मदद कर सकता है। जाे चीजें पहले से हैं, उसे और बेहतर रूप में विकसित किया जा सकता है। इस तरह दाेनाें संस्थानाें द्वारा रिसर्च पर काम हाेंगे। यह बच्चाें के लिए अच्छा प्लेटफाॅर्म है।

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