IIT ISM Dhanbad: माइनिंग को सुरक्षित और स्मार्ट बनाने पर आइआइटी धनबाद करेगा शोध

अब ऑटोमेशन सेंटर की दिशा में आईआईटी आईएसएम भविष्य की चुनौतियों का समाधान खोजेगा। इसके लिए सेडविक माइनिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और आईआईटी धनबाद ने एक दूसरे से हाथ मिलाया है। भविष्य में ऑटोमेशन सेंटर के माध्यम से किन-किन योजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sat, 03 Jul 2021 05:50 PM (IST) Updated:Sat, 03 Jul 2021 05:50 PM (IST)
IIT ISM Dhanbad:  माइनिंग को सुरक्षित और स्मार्ट बनाने पर आइआइटी धनबाद करेगा शोध
अब ऑटोमेशन सेंटर की दिशा में आईआईटी आईएसएम भविष्य की चुनौतियों का समाधान खोजेगा।

जागरण संवाददाता धनबाद : अब ऑटोमेशन सेंटर की दिशा में आईआईटी आईएसएम भविष्य की चुनौतियों का समाधान खोजेगा। इसके लिए सेडविक माइनिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और आईआईटी धनबाद ने एक दूसरे से हाथ मिलाया है। भविष्य में ऑटोमेशन सेंटर के माध्यम से किन-किन योजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा इसके लिए दोनों संस्थानों के बीच एक एमओयू साइन किया गया है।

सेंडविक माइन ऑटोमेशन सेंटर की स्थापना आईआईटी धनबाद में की जएगी। इसका पूरा खर्च सेडविक माइनिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड देगा। सेंटर की स्थापना भी वहीं करेगा। प्रथम चरण में माइनिंग में इनोवशन को प्रमोट किया जाएगा इसके तहत आईआईटी आईएसएम के छात्रों के क्षमता का विकास किया जाएगा इसके लिए छात्रों को प्रशिक्षण कराया जाएगा। माइन ऑटोमेशन इनोवेशन की शुरुआत की जा सके। ऑटोमेशन इन्नोवेशन सेंटर को शुरू करने में अक्टबर से दिसंबर तक का समय लग सकता है।

आईआईटी धनबाद के डीन वाह माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर धीरज कुमार ने बताया कि भविष्य में आईआईटी धनबाद और सैंडविक साथ में मिलकर आरएनडी करेंगे तथा इनोवेशन को प्रमोट करेंगे। सेंडविक का हिन्दुस्तान जिंक में पूरा ऑटोमेशन सिस्टम लगा हुआ है। यह सिस्टम पूरी तरह से डिजिटाइजेशन और डिसलाइजेशन पर आधारित है। दोनों संस्थानों का फोकस है की माइनिंग सिस्टम को पूरी तरह सुरक्षित, स्मार्ट और सतत माइनिंग बनाए जा सके। मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर शोध किया जाएगा। एमओयू पर आईआईटी आईएसएम के निदेशक डा. राजीव शेखर तथा सेंडिविंक माइनिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी मनोजित हलदर ने हस्ताक्षर किया। मौके पर सेंडिविंक माइनिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीएसआर हेड रवि अरोड़ा, वाइस प्रेसिडेंट संजीव कुमार के अलावा

आइएसएम के उपनिदेशक प्रो. शलीवाहन, माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आरएम भटटाचार्या मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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