Covid-19: कोरोना संक्रमित की समस्या दूर करेगा आइआइटी आइएसएम का एप

कोविड की दूसरी लहर के बीच लोग अस्पताल के बेड दवाइयां ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे आवश्यक सामग्री की उपलब्धि से परेशान है। इन चीजों की कमी के चलते लोगों ने अपनी जरूरतों को सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप टि्वटर लिंकडइन आदि पर पोस्ट कर रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 09:57 AM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 09:57 AM (IST)
Covid-19: कोरोना संक्रमित की समस्या दूर करेगा आइआइटी आइएसएम का एप
एप पर विचार-विमर्श करते धनबाद जिला प्रशासन के अधिकारी।

धनबाद, जेएनएन। आइआइटी (आइसएम) धनबाद की ओर से आयोजित हैकथॉन में देशभर से कुल 80 आइडिया आए थे। 36 घंटे तक सभी टीमों ने इसपर शोध किया। अब किस टीम का आइडिया सबसे अधिक कारगर है, इसका निर्णय जज करेंगे। रविवार को इसका निर्णय होना था लेकिन करीब 10 आइडिया ऐसे आए हैं, जिनमें सर्वश्रेष्ठ निकालने के लिए जजों की टीम को काफी मंथन करना पड़ रहा है। अब सोमवार को सर्वश्रेष्ठ तीन आइडिया का चयन कर उसे घोषित किया जाएगा। वहीं सर्वश्रेष्ठ करने वाले शीर्ष तीन विजेताओं को 38 लाख का पैकेज देने वाली कंपनी फोनपे, डीआरडीओ, 20 लाख का पैकेज ऑफर करने वाली कंपनी उला और ज्यूसपे, इनफोपाइन, डीपमाउथ, स्कीलशिप फाउंडेशन, सिपर स्कूलस सहित अन्य कंपनियों में इंटर्नशीप और प्लेसमेंट का अवसर मिलेगा।

अस्पताल में बेड, दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर की परेशानी को दूर करेगा एप

कोविड की दूसरी लहर के बीच लोग अस्पताल के बेड, दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे आवश्यक सामग्री की उपलब्धि से परेशान है। इन चीजों की कमी के चलते लोगों ने अपनी जरूरतों को सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, टि्वटर, लिंकडइन आदि पर पोस्ट कर रहे हैं। इन सभी परेशानियों को देखते हुए आइआइटी (आइएसएम) ने एप  बनाया है। जहां रोगी अपनी जरूरत की चीजों के विक्रेताओं से जुड़ सकें और विक्रेता अपने पास उपस्थित स्टॉक, अपने लोकेशन, कॉन्टैक्ट डिटेल्स आदि पोस्ट कर सकें। इसके अलावा एक स्थानीय स्टोर सेक्शन भी जोड़ा है, जहां मास्क, सैनिटाइजर, ग्रॉसरी की नजदीक दुकान कहां है। दुकान खुलने के समय जैसी सूचनाएं डाली जा सके। आखिरी में ब्लॉग सेक्शन जोड़ा है जहां लोग अपने अनुभव, होम क्वॉरेंटाइन से जुड़े एहतियात, टीकाकरण के भ्रम दूर करने, आदि पोस्ट कर सकें जिससे सकारात्मकता फैलाने में मदद मिलेगा।

मूक बधिर की भाषा समझेगा सॉफ्टवेयर

मूक बधिर के दिल और मन की बात जुबां तक तो आती है मगर वह बोल नहीं सकते हैं। लेकन उन के मन और दिल की बात जुबां से भले ही न निकले पर उनकी भाषा को आसानी से समझा जा सकेगा। आइआइटी आइएसएम के छात्रों ने ऐसा सॉफ्टवेयर किया है जिसके माध्यम से उनकी भाषा को समझा जा सकेगा।

दृष्टिहीन भी कर सकेंगे ई-कार्मस पर खरीदारी

रंगों की उचित दृष्टि और धारणा की कमी के कारण ये लोग अक्सर अपनी फैशन और जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर होते हैं। लेकिन अब दृष्टिहिन दिव्यांग भी ऑनलाइन ई-कामर्स में अपनी मनपसंद चीजों की खरीदारी कर सकेंगे। आइआइटी आइएसएम के छात्रों ने बताया कि हम उन्हें नेत्रहीनों के लिए खरीदारी को आसान बनाने के लिए उत्पाद, सामग्री, प्रकार आदि का ऑडियो विवरण देंगे। हमने एक ऐसा एप तैयार किया है जो वास्तविकता से जुड़ा है। इसमें कई अद्वितीय और विन्यास फिल्टर लगा होगा। जिससे रंगों को आसानी से समझा जा सकेगा। वहीं आभासी परीक्षण कक्ष में प्रदर्शित होने वाले उत्पाद को देखा जा सकेगा। रंग, चमक और कंट्रास्ट को उनकी दृष्टि क्षमता के अनुसार समायोजित किया जाएगा। यह एप सुनिश्चित करेगा कि ग्राहकों को वेबसाइट इस्तेमाल करने में परेशानी न हो। वर्तमान में, ई-कामर्स वेबसाइटों को डिज़ाइन किया गया है, ताकि दृष्टिहीन दिव्यांग और कलरब्लाइंड लोगों द्वारा आसानी से उपयोग किया जा सके।

किसानों के घरेलू उत्पाद को बढ़ाएगा आइआइटी आइएसएम का एप

भारत में आजीविका का सबसे बड़ा स्रोत कृषि है। आजीविका के लिए कृषि पर करीब 70 प्रतिशत लोग निर्भर हैं। बावजूद इसके कृषि क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कृषि पद्धतियों और उनके अपनाने की जानकारी की कमी के कारण सकल घरेलू उत्पाद महज 19.9 प्रतिशत ही है। आइआइटी आइएसएम किसान और कृषि से जुड़े लोगों को एक ऐसा मंच देगा। जहां प्रत्येक क्षेत्रों के किसानों को एक साथ रखा जाएगा। इसके लिए छात्रों ने 36 घंटे में एक एप विकसित किया है। इस एप का उद्देश्य मौसम की शुरुआत से लेकर फसल कटाई तक मध्यवर्ती सहायता के साथ-साथ खेती की गतिविधियों में सुधार करना है। इस एप के माध्यम से किसान के विचारों को साझा कर सकते हैं, उचित सलाह ले सकते हैं और साथी किसानों को सहायता प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा किसानों के एक पूरी समुदाय को न केवल सीखने बल्कि आगे बढ़ने का भी मौका मिलेगा। यह एप इंटेलिजेंस आर्टिफिशियल की सहायता से तैयार किया गया है। इसके उपयोग से बढ़ती फसलों और उनकी बीमारी तथा संपूर्ण लागत का विश्लेषण भी प्रदान करेंगे। इसके अलावा बागवानी, मधुमक्खी पालन, पशुपालन और अन्य संभावित आय के स्रोतों पर भी किसानों इसके उत्पादन विधि सहित बाजार तक की पूरी जानाकरी मुहैया उपलब्ध होगा। प्रथम पुरस्कार - 30 हजार नगद तथा इंटर्नशीप और प्लेसमेंट का अवसर द्वितीय पुरस्कार - 15 हजार नगद तथा इंटर्नशीप और प्लेसमेंट का अवसर तृतीय पुरस्कार - 10 हजार नगद तथा इंटर्नशीप और प्लेसमेंट का अवसर

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