माइनिग में आइआइटी आइएसएम बने सर्वश्रेष्ठ : चेयरमेन
आइआइटी आइएसएम को माइनिग इंजीनियरिग में शीर्ष पायदान पर होना चाहिए। माइनिग के क्षेत्र में आइआइटी आइएसएम काफी बेहतर है। इसे सर्वश्रेष्ठ बनाने की जरूरत है। उक्त बातें आइआइटी आइएसएम बीओजी के चेयरमेन प्रो. प्रेमवर्त ने बीओजी की बैठक में कही।
जागरण संवाददाता, धनबाद : आइआइटी आइएसएम को माइनिग इंजीनियरिग में शीर्ष पायदान पर होना चाहिए। माइनिग के क्षेत्र में आइआइटी आइएसएम काफी बेहतर है। इसे सर्वश्रेष्ठ बनाने की जरूरत है। उक्त बातें आइआइटी आइएसएम बीओजी के चेयरमेन प्रो. प्रेमवर्त ने बीओजी की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि माइनिग इंजीनियरिग विभाग को देश के अन्य आइआइटी जहां माइनिग की पढ़ाई होती है उससे अपनी तुलना करने की जरूरत है। उन संस्थानों के हिसाब से यह देखने की आवश्यकता है कि आइआइटी आइएसएम कहां खड़ा है। इस दौरान विभाग की ओर से फ्यूचर विजन और रोडमैप पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। एक डाटा के साथ उन्हें बताया गया कि विभाग ने हाल के वर्षों में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। देश के कई बड़े आइआइटी को पीछे छोड़कर माइनिग हब जैसी बड़ी परियोजना को संस्थान ने अपनी काबिलियत के दम पर लिया है। शोध और अनुसंधान पर कोल इंडिया के साथ पांच वर्षीय करार किया है। इस दौरान विभाग की ओर से बताया कि आने वाले दिनों संस्थान ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का रोडमैप तैयार किया है। इस दौरान इंटरनेशनल रिलेशनशिप के तीन साल का गतिविधि और उपलब्धियों के बारे में चेयरमेन को अवगत कराया गया। चेयरमेन को यह जानकारी दी गई कि इंटरनेशनल रिलेशनशिप को दो भागों में बांटा गया है। ईरा और एल्यूमुनाई अफेयर तथा सोसाइटल मिशन को एक साथ तथा इनोवेशन इक्वेशन एंड इंटरपेन्योरशिप को अलग कर स्वतंत्र इकाई बनाया गया है। बैठक में चेयरमैन ने इसकी मंजूरी पर अंतिम मुहर लगाई। वहीं निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने तीन माह में हुए शोध अनुसंधान और संस्थान की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से चेयरमेन को बताया। इस दौरान संस्थान में चल रहे परियोजनाओं की समीक्षा की गई।