खनिज अनुसंधान व डिजिटल माइनिंग में साथ काम करेंगे आइआइटी आइएसएम-सीआइएल

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) ने आइआइटी आइएसएम धनबाद के साथ आइएसएम परिसर में सीआइएल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए मंगलवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इसमें सीआइएल के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र के लिए भविष्य के टेक्नोक्रेट्स तैयार करने व स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।

By Atul SinghEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 08:28 PM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 08:28 PM (IST)
खनिज अनुसंधान व डिजिटल माइनिंग में साथ काम करेंगे आइआइटी आइएसएम-सीआइएल
सीआइएल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए मंगलवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किया। (जागरण)

जागरण संवाददाता, धनबाद : कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) ने आइआइटी आइएसएम धनबाद के साथ आइएसएम परिसर में सीआइएल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए मंगलवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इसमें सीआइएल के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र के लिए भविष्य के टेक्नोक्रेट्स तैयार करने, इनोवेशन, उद्यमशीलता और स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।

यह केंद्र डीन (इनोवेशन, इनक्यूबेशन और आंत्रप्रन्योरशिप) के तत्वावधान में चलेगा। इस एकरारनामा के आधार पर कोल इंडिया के बीसीसीएल, सीसीएल और एनसीएल जैसे कोयला कंपनियों में खनिज अनुसंधान और इनोवेशन की तकनीक आइआइटी-आइएसएम उपलब्ध कराएगा। कोल इंडिया के डिजिटल माइनिंग, सस्टेनेबल माइनिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, सेफ एंड स्मार्ट माइनिंग को बढ़ावा देने के लिए कई स्टार्टअप कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा।

जिसकी पूरी फंडिंग कोल इंडिया करेगी। इसके जरिए देश में नवाचार के विकास और प्रसार में तेजी लाने के लिए एक समान तरीके से अनुकूल वातावरण, बुनियादी ढांचा सुविधाएं और अन्य मूल्य वर्धित सेवाएं प्रदान करना है। एमओयू पर कोल इंडिया के तकनीकी निदेशक बिनय दयाल और आइआइटी के निदेशक प्रो राजीव शेखर ने हस्ताक्षर किए। कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने समारोह की अध्यक्षता की। यह एमओयू हस्ताक्षर करने की तारीख से पांच साल तक वैध होगा।

वैकल्पिक उर्जा संसाधनों की भी होगी तलाश

वर्तमान में कोयले की माइनिंग की जा रही है। इससे हटकर माइनिंग की बेहतर तरीके पर इनोवेशन किया जाएगा। इसमें डिजिटल माइनिंग काफी अहम है। सेफ्टी माइनिंग पर विशेष फोकस किया जाएगा। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार का सृजन हो, इसका भी ख्याल रखा जाएगा। यह केंद्र स्टार्ट-अप को बढ़ावा के लिए काम करेगा। इसमें सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक्स, खान स्वचालन और प्रक्रिया नियंत्रण, मोबाइल और सूचना प्रौद्योगिकी, खनन प्रक्रिया, प्रौद्योगिकी, खान मशीनरी में इनोवेशन, सॉफ्टवेयर आधारित सिमुलेशन और अनुकूलन, ब्लाक चेन- वैकल्पिक ऊर्जा संसाधन (सौर प्रौद्योगिकी के इनोवेशन सहित, आफ-ग्रिड सिस्टम के लिए भंडारण बैटरी), कार्बन न्यूट्रलिटी के लिए स्वच्छ ऊर्जा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण आदि पर काम होगा। इतना ही नहीं सीआइएल कर्मचारियों, ठेका श्रमिकों एवं छात्रों के लिए नवीनतम इनोवोशन और डिजाइन भी तैयार किया जाएगा। समय-समय पर नवीनतम तकनीकी की प्रगति और खनन क्षेत्र में संभावनाओं को लेकर कार्यशाला, सेमिनार, टेकफेस्ट जैसे वार्षिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। त्रैमासिक या अर्ध-वार्षिक समाचार भी प्रकाशित होगा।

ये थे उपस्थित

प्रमोद अग्रवाल अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सीआइएल, बिनय दयाल, निदेशक (तकनीकी) सीआइएल, एमके सिंह, डा एमके मिश्रा, बबलू पोरेल महाप्रबंधक (खुदाई), पीआर प्रसाद, महाप्रबंधक (खनन) एवं चंद्रशेखर सिंह और आइआइटी आइएसएम से निदेशक प्रो राजीव शेखर, धीरज कुमार डीन (इनोवेशन, इनक्यूबेशन और आंत्रप्रन्योरशिप), प्रो एके मिश्रा विभागाध्यक्ष (खनन इंजीनियरिंग), प्रो एआर दीक्षित विभागाध्यक्ष (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), प्रो पंकज मिश्रा, प्रो अजीत कुमार एवं रजनी सिंह, एसोसिएट डीन मीडिया और ब्रांडिंग।

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