आइआइटी में आज दीक्षांत, बेटियों का दिखेगा जलवा

धनबाद : आमतौर पर छात्राओं को मेडिकल में और छात्रों को तकनीकी कोर्सेज में बेहतर मान

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Dec 2018 05:17 AM (IST) Updated:Tue, 11 Dec 2018 05:17 AM (IST)
आइआइटी में आज दीक्षांत, बेटियों का दिखेगा जलवा
आइआइटी में आज दीक्षांत, बेटियों का दिखेगा जलवा

धनबाद : आमतौर पर छात्राओं को मेडिकल में और छात्रों को तकनीकी कोर्सेज में बेहतर माना जाता रहा है। लेकिन इस बार आइआइटी आइएसएम की बेटियां लोगों की यह आम धारणा बदलने जा रही हैं। तकनीकी, प्रबंधन और व्यावसायिक कोर्सेज में भी छात्राएं और छात्रों से आगे निकल रही हैं। आइआइटी आइएसएम में मंगलवार को होने वाले 39वें दीक्षांत समारोह में इस बार बीटेक कंप्यूटर साइंस की छात्रा आशा वर्मा को बेस्ट स्टूडेंट चुना गया है। अब तक इस अवार्ड पर छात्रों का कब्जा रहा है। 9.62 ओजीपीए(ओवरऑल गेड प्वाइंट एवरेज) लाने वाली आशा को गोल्ड मैडल अवार्ड के अलावा लेट पूनम खन्ना मेमोरियल कैश अवार्ड व एसबीआइ कैश प्राइज (प्रथम) का अवार्ड भी दिया जाएगा। केवल बीटेक में गोल्ड अवार्ड पाने वाले छात्रों की सूची में 11 छात्राएं शामिल हैं।

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दीक्षांत समारोह की प्रमुख बातें

- दीक्षात में डिग्री लेनेवाले छात्रों के ऑफ व्हाइट कुर्ता-पायजामा, छात्राओं के लिए सलवार-कमीज

- डिग्री लेनेवाले छात्र संस्कृत में पढ़ेंगे दीक्षा

- लेदर के फोल्डर में दी जाएगी डिग्री

- समारोह का सीधा प्रसारण करेगा प्रबंधन

- 2082 छात्रों को मिलेगी दीक्षांत में डिग्री

- इनमें 826 बीटेक छात्र शामिल

- 5 एमटेक (तीन वर्षीय पाठयक्रम) को गोल्ड मेडल

- दो छात्रों को (एमबीए पाठयक्रम) को गोल्ड मैडल

- 5 छात्रों को (पांच साल डुअल डिग्री) को स्वर्ण पदक

- तीन छात्रों को (पांच वर्षीय पाठयक्रम) को गोल्ड

- दो (एमएससी टेक पाठयक्रम) को संस्थान का स्वर्ण पदक

- तीन छात्रों को (एमएससी पाठयक्रम) को संस्थान का स्वर्ण पदक

- 13 को (बीटेक ) संस्थान स्वर्ण पदक

- एक छात्रों को (बीई पाठयक्रम) को संस्थान को स्वर्ण पदक

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मिस करते हैं रामधनी की चाय- कचौड़ी

दीक्षांत समारोह में उपाधि लेने पहुंचे आइआइटी आइएसएम के छात्र-छात्राओं ने कैंपस में आते ही अपने पुराने दिनों की यादों में खो गए। उन्होंने संस्थान में गुजारे दिनों और यहां की खूबियों के बारे में बताते हुए अपनी यादों को साझा किया।

आशीष सिंह : एमटेक माइनिंग इंजीनिय¨रग से पढ़ाई कर चुके आशीष ऋषिकेश में एपको इंफ्राटेक लखनऊ में कार्यरत है। आशीष को गोल्ड मैडल अवार्ड के लिए चुना गया है। उन्होंने बताया कि रामधनी की चाय और कचौड़ी और कोर्टमोड़ का लिट्टी चोखा मिस करते हैं। उन्होंने कहा कि कैंपस और अपने दोस्तों के साथ गुजारे दिन याद आते हैं।

अनुरंजी : एमटेक माइनिंग इंजीनिय¨रग की पढ़ाई कर चुके अनुरंजी फिलहाल बीआइटीटी रांची में सिविल इंजीनिय¨रग में विभागाध्यक्ष है। उन्होंने कहा कि यहां का कोर्स, फैकल्टी सबसे बेहतर है। उन्होंने कहा कि कैंपस आने के बाद सबसे पहले अपने दोस्तों के साथ लिट्टी खाया और पुराने दिनों को याद किया।

देबूलीन : कोलेन सरोली हैदरबाद में कार्यरत देबूृलीन ने कहा कि आइएसएम के फैकल्टी, लाइब्रेरी यहां की पढ़ाई सबकुछ बेहतर है। यहां गुजारे दिनों को हमेशा याद करते हैं।

श्वेता रानी -आइआइटी मुंबई से पीएचडी कर रही श्वेता ने कहा कि कैंपस से निकलने के बाद जीवन प्रोफेशनल हो गया है। आइएसएम कैंपस की बात ही कुछ और थी। यहां की बहुत याद आती है।

भास्वती सिंह - एमटेक की छात्रा रह चुकी भास्वती कोलकाता में गेट की तैयारी कर रही हैं। भास्वती ने बताया कि यहां के प्रोफेसर, कैंपस का माहौल और प्रयोगशाला हमेशा याद आता है। यह संस्थान सभी क्षेत्रों में बेस्ट है।

डॉ. कासमी मंडल - डा. कासमी आइएसएम से पीएचडी की पढ़ाई कर चुकी है। फिलहाल वे एनईओटीआइ विश्वविद्यालय कोलकाता में सहायक कुलसचिव के पद पर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि यहां की लाइब्रेरी सबसे बेहतर है। उन्होंने कहा कि जो माहौल यहां है वैसा माहौल कहीें भी नहीं मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यहां गुजारे दिन और दोस्त बहुत याद आते हैं।

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