यूएस में शैक्षणिक संस्थान, सरकार और औद्योगिक क्षेत्र मिलकर काम करते, भारत में भी इसकी जरूरत Dhanbad News

रोजमर्रा की समस्याओं तथा आम आदमी की जरूरतों के हिसाब से नए-नए आइडिया पर काम करना होगा।

By Edited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 03:31 AM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 09:44 AM (IST)
यूएस में शैक्षणिक संस्थान, सरकार और औद्योगिक क्षेत्र मिलकर काम करते, भारत में भी इसकी जरूरत Dhanbad News
यूएस में शैक्षणिक संस्थान, सरकार और औद्योगिक क्षेत्र मिलकर काम करते, भारत में भी इसकी जरूरत Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। आइआइटी आइएसएम माइनिंग, मिनरल और पेट्रोलियम के क्षेत्र में बेहतर काम किया है। इसका फायदा कंपनियों व अन्य क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। ये बातें झारखंड के उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह ने कही।

वे सोमवार को आइआइटी आइएसएम के 94वें स्थापना दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यूएस में शैक्षणिक संस्थान, सरकार और औद्योगिक क्षेत्र मिलकर काम करते हैं। आज जरूरत है कि यहां भी तीनों एक साथ मिलकर काम करें ताकि बेहतर परिणाम मिल सके। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की समस्याओं तथा आम आदमी की जरूरतों के हिसाब से नए-नए आइडिया पर काम करना होगा। सिंह ने कहा कि धनबाद मेरे लिए नया नहीं है। मेरी स्कूली शिक्षा डिनोबिली डिगवाडीह से हुई है। वहीं आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कि सरकार ने आइआइटी आइएसएम को मैथन में 226 एकड़ जमीन की सौगात दी है, जहां आइएसएम का कैंपस टू बनेगा। वहां सोसाइटल मिशन के तहत वहां कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। वहीं सरकार और आइएसएम के संयुक्त रूप से प्रत्येक वर्ष 20 इनोवेटिव आइडिया को प्रमोट करेगा। इसके लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये प्रतिवर्ष संस्थान को देगी। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए 2000 बेड का हॉस्टल तथा 1400 न्यू हॉस्टल 2020 तक तैयार हो जाएगा। इसका फंड एमएचआरडी देगा। वहीं सेंट्रल लाइब्रेरी में फूड कोर्ट खोला जाएगा। इस अवसर बीओजी के चेयरमेन प्रो. डीडी मिश्रा ने भी संबोधित किया। स्थापना दिवस के अवसर 11 संकाय सदस्यों और कर्मियों को दीर्घ सेवा के लिए पुरस्कृत किया गया। जबकि पांच को इंदर मोहन थापर पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर कार्मल स्कूल की छात्राओं को आइएसएम की प्रयोगशाला, म्यूजियम व कैंपस का भ्रमण कराया गया। स्वास्थ्य शिक्षा और कृषि पर आइएसएम करेगा काम आइआइटी आइएसएम स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में सरकार के साथ मिलकर काम करेगा।

आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कि कहा कि धनबाद नगर निगम का मास्टर प्लान आइएसएम तैयार कर रहा है। इतना ही नहीं खदान से निकलने वाले पानी (पीट वाटर) को कैस पीने योग्य बनाया जाए, इसके लिए संस्थान का पर्यावरण इंजीनिय¨रग काफी सस्ते तकनीक पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए वर्ष से आइएसएम के छात्र सांसद और विधायक के साथ घूमेंगे और जमीनी समस्याओं को जानेंगे। उन समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए इसपर छात्र रिपोर्ट तैयार करेंगे और फिर उसका समाधान खोजा जाएगा। संस्थान का लक्ष्य निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कि संस्थान का लक्ष्य है कि 2022 तक विश्व के टॉप 200 ग्लोबल यूनिवर्सिटी में शामिल होना है। वहीं एनआइआरएफ यूनिवर्सिटी में बेहतर पायदान पर भी शामिल होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ये हुआ बदलाव निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कि संस्थान में छात्रों के लिए च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू किया गया है। इसके अलावा सात माह का इंडस्ट्री इंटर्नशिप फॉर थीसिस शुरू किया गया है। वहीं बीटेक कोर्स को बेहतर यूनिवर्सिटी की तर्ज पर मेटरलर्जी इंजीनिय¨रग को अलग बनाया है। भविष्य की शैक्षणिक योजना निद शक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कि कई विभागों के कोर्स में बदलाव किया गया है। आने वाले समय में तीन विषयों को मिलाकर कोर्स तैयार किया जाएगा। - बिजनेस एनलिटिक्स - सत्र 20-21 से एमबीए के प्रोग्राम में परिवर्तन किया जाएगा। एमबीए को मैथ एंड कंप्यूट¨रग तथा कंप्यूटर साइंस सहयोग करेगा - एमट क इन डेटा एनलिटिक्स - यह डिपार्टमेंट ऑफ मैथ संचालित करेगा। - एमट क इन फार्मासियूटिकल साइंस एंड इंजीनिय¨रग - इस कोर्स में केमेस्ट्री, केमिकल इंजीनिय¨रग, एमबीए, मैथ तथा पर्यावरण इंजीनिय¨रग विभाग को एकसाथ शामिल कर कोर्स तैयार किया जाएगा। रिसर्च - प एचडी छात्रों के एक्सपोजर करने के लिए इंटरनेशनल सेमिनार, साझा पीएचडी कार्यक्रम, टॉपअप फंडिंग, विदेशी विश्वविद्यालय के साथ एमओयू, विदेशी प्रोफेसर को बुलाया जाएगा। फिलहाल यूरोपियन विश्वविद्यालय के साथ साझा पीएचडी कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

छात्रों को किया जाएगा प्रोत्साहित : छात्रों को शोध अनुसंधान व पीएचडी प्रोग्राम में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत एक नेहरु अप्लाइड जियोफिजिक्स अवार्ड, इंडो शास्त्री कनेडियन फैलोशिप अवार्ड दिया जाएगा। बेस्ट तीन प्रोजेक्ट, टॉप तीन पब्लिकेशन का चुनाव किया जाएगा। प्रत्येक विभाग का होगा मेगा प्रोजेक्ट प्रत्येक विभाग को एक मेगा प्रोजेक्ट तैयार करना होगा। जिसमें अधिक से अधिक प्रोफेसर शामिल होंगे। इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत प्रोसेस और प्रोडक्ट को विकसित किया जाएगा। यूजी एक्सपेरिमेंटल लैब एंड रिसर्च पर 30 करोड़ खर्च करने प्रस्ताव है। पहले रिसर्च पर 20 करोड़ रुपये खर्च किए जाते थे, जिसे इस वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर 30 करोड़ किया गया है। प र्ववर्ती छात्रों ने किया संस्थान को आर्थिक सहयोग आइआइटी आइएसएम ने 15 हजार पूर्ववर्ती छात्रों को जोड़ा है। पूर्ववर्ती छात्रों ने अपने संस्थान को जबरदस्त आर्थिक सहयोग किया है। - बीटेक पेट्रोलियम के छात्र रहे नरेश वशिष्ठ ने टिंक¨रग लैब के लिए आठ करोड़ रुपये दिए हैं। - माइनिंग इंजीनिय¨रग के छात्र रहे केबीके प्रसाद ने पेनमेन हॉल के लिए 30 लाख रुपये दिए हैं। -नार्थ अमेरिका चैप्टर 60 मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति देगा। इसमें आठ एकेडमिक स्टूडेंट अवार्ड, पीयूष दत्ता इनोवेशन इन माइनिंग अवार्ड, बेस्ट स्पो‌र्ट्स अवार्ड शामिल हैं। - मिडिल ईस्ट तथा दुबई आइएसएम पूर्ववर्ती चैप्टर ने दो करोड़ दिया है। - रिगल फॉर स्वीडन ने 1.3 करोड़ थ्री डाइमेंशनल स्कैनर के लिए दिया है। इससे थ्रीडी मैपिंग किया जा सकता है। सा साइटल मिशन : स ंटर फॉर सोसाइटल मिशन के तहत पांच गांव को गोद लिया गया है। इसके अलावा गरीब बच्चों को बोर्ड और ज्वाइंट इंट्रेश प्रोग्राम की तैयारी आइएसएम के रिसर्च स्कॉलर कराते हैं। इसके अलावा रक्तदान, सेनेटरी पैड आदि क्षेत्रों में सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं।

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