होम आइसोलेशन में हैं और घट गया है ऑक्सीजन लेवल ताे मारवाड़ी यूथ ब्रिगेड काे करें फाेन

काेराेना की दूसरी लहर पहले से अधिक खतरनाक बताई जा रही है। इसमें मरीज का ऑक्सीजन लेवल अधिक तेजी से गिरता है। ऐसे में न सिर्फ कोविड सेंटर के सभी आइसीयू बेड रोगियों से भरे पड़े हैं बल्कि जेनरल वार्ड में भी ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम की जरूरत पड़ गई है।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 12:20 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 12:20 PM (IST)
होम आइसोलेशन में हैं और घट गया है ऑक्सीजन लेवल ताे मारवाड़ी यूथ ब्रिगेड काे करें फाेन
ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था करना चुनाैती के रूप में उभरा है।

जागरण संवाददाता, धनबादः काेराेना की दूसरी लहर पहले से अधिक खतरनाक बताई जा रही है। इसमें मरीज का ऑक्सीजन लेवल पहले की अपेक्षा अधिक तेजी से गिरता है। ऐसे में न सिर्फ कोविड सेंटर के सभी आइसीयू बेड रोगियों से भरे पड़े हैं, बल्कि जेनरल वार्ड में भी ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम की जरूरत पड़ गई है। जिला प्रशासन ने भी इसकी तैयारी कर ली है। बावजूद इसके ऐसे मरीज जाे होम आइसोलेशन में रहना चाहते हैं, उनके लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था करना चुनाैती के रूप में उभरा है।

हालांकि मारवाड़ी यूथ ब्रिगेड ने इसके लिए विकल्‍प उपलब्‍ध कराया है। मंच के संजीव अग्रवाल के मुताबिक, काेराेना की पहली लहर के दाैरान ही मंच ने 10 सिलिंडर व चार आक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें मंगवाई गई थीं। इनका काफी सदुपयाेग हुआ था और यह अभी भी मंच के पास है। यदि किसी भी मरीज काे इसकी जरूरत हाे ताे वे मंच के सदस्य गोपी कटेसरिया से मोबाइल नंबर- 9431164414 पर संपर्क कर इसकी सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

ऐसे काम करता है कंसंट्रेटरः मंच के सदस्य व ऑक्सीजन प्रभारी गाेपी कटेसरिया के मुताबिक, जिन्हें भी इसकी जरूरत हाे उन्हें तत्काल यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मंच सिर्फ यह देखता है कि किसी व्यक्ति काे इसकी जरूरत है। मरीज की जान बचाना ही एकमात्र उद्देश्य है। कटेसरिया के मुताबिक, कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आने के बाद इसकी जरूरत भी घट गई थी। इधर दाे दिनाें से मामले काफी बढ़ गए हैं। उनके पास आधे सिलिंडर अभी रोगियों की सेवा में लगे हैं। कंसंट्रेटर भी लगाए जा रहे हैं। इस कंसंट्रेटर में सिलिंडर की जरूरत नहीं पड़ती। यह जरूरत का ऑक्सीजन स्वयं बना लेता है।

सिलिंडर देने की शर्तें: मंच से जुड़े कृष्णा अग्रवाल बताते हैं कि आक्सीजन सिलिंडर व कंसंट्रेटर का दुरुपयाेग न हाे, इस लिहाज से हमने तय किया है कि किसी भी रोगी को पहली बार में एक सप्ताह के लिए यह सुविधा दी जाएगी। इसके बाद भी उनके आक्सीजन के स्तर में सुधार नहीं दिखा ताे रोगी की स्थिति काे देखते हुए इसका समय बढ़ाया जा सकता है। इस दाैरान कोविड- 19 काे लेकर सरकार व प्रशासन के निर्देशाें का पूरी तरह पालन किया जाता है। मसलन मास्क हर बार बदल दिया जाता है। सैनिटाइजेशन की भी पूरी व्यवस्था रहती है। उन्‍होंने कहा कि काेराेना की दूसरी लहर के अधिक खतरनाक होने के मद्देनजर हम सिलिंडर व कंसंट्रेटर की संख्या बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं।

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