महज 2300 रुपये बैंक कर्ज नहीं चुका पाने के दबाव में दे दी जान

भूली : भूली शिवपुरी निवासी उमाशंकर सिंह ने शनिवार को अपने घर में फंदे से लटकर खुदकशी क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Sep 2018 12:33 AM (IST) Updated:Sun, 02 Sep 2018 12:33 AM (IST)
महज 2300 रुपये बैंक कर्ज नहीं चुका पाने के दबाव में दे दी जान
महज 2300 रुपये बैंक कर्ज नहीं चुका पाने के दबाव में दे दी जान

भूली : भूली शिवपुरी निवासी उमाशंकर सिंह ने शनिवार को अपने घर में फंदे से लटकर खुदकशी कर ली। शव पंखे के रेलिंग में दुपट्टे के सहारे लटकता हुआ पाया गया। चर्चा है कि आर्थिक तंगी के कारण उमाशंकर सिंह ने अपनी जान दे दी है। उमाशंकर सिंह की पत्नी माया देवी स्वयं सहायता समूह के तहत शहर के एक बैंक से कर्ज ली थी, पर कर्ज की राशि नहीं चुका पाई। तकरीबन 2300 रुपये बैंक के दो किस्त बाकी थे। बैंक के किस्त जमा करने को लेकर परिवार पर काफी दबाव बढ़ रहा था। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी पांच-छह महिलाएं उमाशंकर की पत्नी को बैंक का किस्त जमा करने के लिए लगातार दबाव बना रही थी। एक सप्ताह पूर्व ही कुछ महिलाएं किस्त नहीं देने के कारण माया देवी के घर से टीवी उठाकर ले गई थी, जिससे परिवार के लोग काफी परेशान थे। मृतक उमाशकर ऑटो मैजिक का चालक था। जिस ऑटो को वह चलाता था, वह पिछले कुछ दिनों खराब था। इस कारण घर में वह बेरोजगारी की जिंदगी बसर कर रहा था। मृतक के दो पुत्र हैं।

घटना के बारे में बताया जाता है कि शनिवार दोपहर करीब एक बजे उमाशकर का बडा पुत्र रोहन अपने घर पहुंचा तथा पिता से खाने की माग की तो उमाशकर ने ने कहा, जाओ हाथ मुंह धोकर आओ। जब रोहन हाथ मुंह धोकर कमरे मे आया तो देखा की उसके पिता फंदे से लटके हुए हैं।

घटना की सूचना पाकर आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। खबर पाकर भूली पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इधर, उमा शकर सिंह का बड़ा बेटा रोहण कुमार सिन्हा ने बताया कि आज सुबह 5.6 महिलाएं मां को खोजने आई थी, तब मां काम के लिए धनबाद चली गई थी। पिताजी महिलाओं की डर से चौकी के नीचे छुप गये थे, तभी उसने महिलाओं से कहा कि मां और पिताजी घर पर नहीं हैं तो महिलाएं गुस्से से आग बबूला होकर चली गई।

-------------------

.. और माया देवी पर दबाव बना रहीं ीं महिलाएं

स्वंय सहायता समूह से प्राप्त लोन भुगतान को लेकर महिलाओं पर हमेशा दबाव रहता है। महिला समूह को लोन देनेवाले बैंक किसी एक महिला द्वारा लोन किस्त का भुगतान नहीं करने पर अन्य महिलाओं से सामूहिक भुगतान करने का दवाब बनाती हैं, जिससे महिलाएं दबाव में रहती हैं। एक महिला किस्त ना भरे, तो अन्य सभी महिलाओं को पैसा भरना पड़ता है यही कारण था कि माया देवी को किस्त भुगतान के लिए अन्य महिलाएं दबाव बना रही थी।

chat bot
आपका साथी