केंद्रीय अस्पताल में 10 बेड का बनेगा बच्चों के लिए आइसीयू वार्ड

केंद्रीय अस्पताल में 10 बेड का पेडियाट्रिक आइसीयू बनाने की तैयारी है। इसकी फाइल आगे बढ़ाई जा चुकी है। बीसीसीएल प्रबंधन की स्वीकृति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके ठाकुर ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए यह तैयारी की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:05 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:05 AM (IST)
केंद्रीय अस्पताल में 10 बेड का बनेगा बच्चों के लिए आइसीयू वार्ड
केंद्रीय अस्पताल में 10 बेड का बनेगा बच्चों के लिए आइसीयू वार्ड

जागरण संवाददाता, धनबाद : केंद्रीय अस्पताल में 10 बेड का पेडियाट्रिक आइसीयू बनाने की तैयारी है। इसकी फाइल आगे बढ़ाई जा चुकी है। बीसीसीएल प्रबंधन की स्वीकृति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके ठाकुर ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए यह तैयारी की जा रही है। इसके लिए बच्चों के हिसाब से सक्शन मशीन, बीपी कप, ईसीजी, मैग्नीफाइंग मॉनीटर आदि की जरूरत होगी। वेंटिलेटर व ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की जाएगी। बेड भी उसी अनुकूल होंगे। प्रबंधन को आइसीयू के लिए जरूरी सामग्री की सूची भेज दी गई है। स्वीकृति मिलते ही वार्ड तैयार हो जाएगा। तीसरी लहर के लिए तैयार है अस्पताल : डॉ. ठाकुर के मुताबिक यदि तीसरी लहर आई भी तो उसके लिए केंद्रीय अस्पताल तैयार है। दूसरी लहर के दौरान हमारे पास 100 बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड थे। जनरल वार्ड में 160 और बेड को ऑक्सीजन सपोर्टेड कर दिया गया है। दो ऑक्सीजन प्लांट के लिए निविदा की गई है। 450 के करीब ऑक्सीजन सिलेंडर हमारे पास हैं। पैनिक होने की जरूरत नहीं :

हालांकि डॉ. ठाकुर मानते हैं कि तीसरी लहर अभी अनुमानित ही है, अवश्यंभावी नहीं। लिहाजा लोगों को चितित होने की जरूरत नहीं। एम्स के चिकित्सकों ने दूसरी लहर के बाद जो अपना शोधपत्र जारी किया है उसके मुताबिक 65 फीसद युवा में एंटी बॉडी पाया गया। अर्थात वे कोविड पॉजिटिव हो चुके थे। वहीं 57 फीसद के लगभग बच्चों में भी एंटी बॉडी बन चुका है। इसका मतलब यह हुआ कि युवा व वृद्ध जितने ही बच्चे भी कोविड संक्रमित हुए। बावजूद इसके अस्पतालों में उन्हें उतना नहीं देखा गया। इसकी वजह रही कि कोरोना वायरस उन पर अधिक असर नहीं कर सका।

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