DMC: न तो जानवरों की प्रजनन क्षमता पर रोक लगी, न ही हो सकी टैगिंग, खुलेआम सड़क पर घूम रहे गोवंश और कुत्ते
नगर निगम और पशुपालन विभाग को मिलकर जानवरों की टैगिंग करनी थी। इससे यह पर आसानी से पता लगता है कि कौन सा जानवर किस मालिक का है। यह सब पिछले आठ वर्षों से ठप है। एक भी जानवर की टैगिंग नहीं हो रही है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : नगर निगम और पशुपालन विभाग को मिलकर जानवरों की टैगिंग करनी थी। इससे यह पर आसानी से पता लगता है कि कौन सा जानवर किस मालिक का है। यह सब पिछले आठ वर्षों से ठप है। एक भी जानवर की टैगिंग नहीं हो रही है। सड़क पर खुलेआम गोवंश और अन्य जानवर या तो दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं या दूसरों को चोटिल कर रहे हैं। स्ट्रीट डॉग भी लोगों पर हमले कर रहे हैं। इनकी भी धरपकड़ भी नगर निगम नहीं कर पा रहा है। कहने को डॉग कैचर वैन बना ली गई है, लेकिन यह भी दो दिन चलने के बाद खड़ी हो गई।
इन सभी समस्याओं और नगर निगम की अनदेखी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता एवं लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के सचिव सह प्रधान सचिव, नगर विकास विभाग, उपायुक्त और नगर आयुक्त को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि स्ट्रीट डॉग, सांड और गोवंश सड़कों पर विचरण करते रहते हैं। सभी की न टैगिंग हो पाती है और न उनसे सुरक्षित रहने और प्रजनन क्षमता पर रोक के लिए कोई उपयुक्त क़दम उठाए जा रहे हैं।
नगर निगम धनबाद में कोई शेल्टर सेंटर उपलब्ध नहीं है। नसबंदी करने के बाद कुत्ते को अमूमन चार से पांच दिन वहां रखना है फिर मार्क कर छोड़ देना है। न तो नसबंदी हो रही है और न ही कुत्तों को पकड़ा जा रहा है। नगर निगम धनबाद या अन्य निगम में कोई पशु चिकित्सालय परिसर या पशु सर्जन चिकित्सक नहीं हैं। इन सभी बिंदुओं पर अपने स्तर से एनजीओ, नगर आयुक्त एवं पशु सर्जन, सरकारी और गैर-सरकारी की टीम बनाकर नसबंदी, शेल्टर सेंटर एवं अन्य पर मंथन की अविलंब आवश्यकता है। इससे आमजन को असुविधा नहीं होगी। कुत्ते के काटने या सांड के आक्रमण और गोवंश को सड़क से हटाने में मदद मिलेगी।