UP Conversion Racket को हिन्दू जन जागृति समिति ने बताया संगठित आतंकवाद, एनआइए से जांच कराने की वकालत
हिंदू जन जागृति समिति ने कहा है कि धर्मांतरण के षड्यंत्र में सहभागी लोगों को आइएसआइ तथा देश-विदेश से धनराशि मिल रही थी। ऐसे सभी की संपत्ति जब्त कर उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्रवाई की जानी चाहिए।
धनबाद, जेएनएन। धर्मांतरण एक तरह का आतंकवाद है। जिस प्रकार से इसे रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून बनाया उसी तरह अन्य राज्य सरकारों को सामने आना चाहिए। धर्मांतरण का कही भी कोई मामला सामने आता है तो इसकी जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ( NIA) से करानी चाहिए। यह बातें हिन्दू जन जागृति समिति की ओर से आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में सामने आई। समिति के धनबाद समन्वयक अमरजीत प्रसाद ने बताया कि इसमें देश के अलग अलग राज्यों से वक्ताओ ने भाग लिया।
धर्मांतरण के पीछे आइएसआइ का हाथ
वेबिनार में बताया गया कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक हजार से अधिक हिंदुओं का धर्मांतरण करने वाले दो मौलवियों को बंदी बनाया गया है। तदुपरांत हुई जांच में पाया गया कि उन्हें पाकिस्तान के गुप्तचर संगठन आइएसआइ से आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही थी। साथ ही उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और केरल में भी धर्मांतरण का षड्यंत्र चल रहा है। कुछ समय पूर्व केरल में चार महिलाओं सहित कुछ पुरुष इसमें सहभागी हुए, वे सभी धर्मांतरित थे। पूरे देश में हो रहे धर्मांतरण का संबंध आतंकवादी गतिविधियां और आइएसआइ से है। इसलिए हिन्दू जनजागृति समिति ने मांग की है कि 'राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण' द्वारा (एनआइए ) इसकी विस्तृत जांच की जाए।
केंद्र बनाए कठोर कानून
प्रसाद ने बताया कि इससे पूर्व में भी केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित मुंबई के डॉ. जाकीर नाइक के 'इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन' के दो सदस्य आतंकवाद विरोधी दल द्वारा पकडे जाने पर उन्होंने स्वीकार किया कि 700 हिन्दुओं का धर्मांतरण किया गया। उन्होंने प्रलोभन देकर तथा बुद्धिभेद (ब्रेनवॉश) कर धर्मांतरण किया। आज देश के अनेक राज्य धर्मांतरण प्रतिबंध कानून बना रहे हैं। परंतु तब भी धर्मांतरण के माध्यम से देशविरोधी गतिविधियां और आतंकवाद सिखाया जा रहा हो, तो उसे प्रतिबंधित करने के लिए मोदी सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर धर्मांतरण के विरोध में कठोर कानून बनाना चाहिए । धर्मांतरण के षड्यंत्र में सहभागी लोगों को 'आइएसआइ' तथा देश-विदेश से धनराशि मिल रही थी। ऐसे सभी की संपत्ति जब्त कर उन पर 'राष्ट्रीय सुरक्षा कानून' के अंतर्गत कार्रवाई की जानी चाहिए।