Niraj Singh Murder Case: हाई कोर्ट ने संजीव को दुमका से वापस धनबाद कारा लाने का दिया आदेश, झरिया विधायक को लगा झटका
Niraj Singh Murder Case हाई कोर्ट रांची ने झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को दुमका से वापस धनबाद जेल लाने का निर्देश झारखंड सरकार को दिया है। जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए धनबाद से दुमका शिफ्ट कर दिया था।
राज्य ब्यूरो, रांची/ धनबाद। झारखंड हाईकोर्ट ने झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को दुमका जेल से धनबाद जेल वापस लाने का आदेश दिया है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने दो सप्ताह में निचली अदालत के आदेश के अनुपालन करने का आदेश दिया है। निचली अदालत ने संजीव सिंह को दुमका से धनबाद जेल वापस लाने का आदेश दिया था। इस मामले में अदालत ने दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद पांच जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया। शुक्रवार को अदालत ने संजीव सिंह को दुमका जेल से धनबाद जेल वापस लाने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट का यह आदेश झारखंड सरकार और झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के लिए झटका के समान है।
जेल स्थानांतरण से पहले निचली अदालत की अनुमति अनिवार्य
पूर्व में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता चंचल चैन ने अदालत को बताया था कि विचाराधीन कैदी को किसी दूसरी जेल में भेजने से पहले संबंधित निचली अदालत से अनुमति लेना अनिवार्य है। लेकिन इस मामले में बिना निचली अदालत के अनुमति के ही संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका जेल भेज दिया गया। संजीव सिंह को दुमका भेजने के बाद सरकार की ओर से निचली अदालत से अनुमति मांगी गई, लेकिन कोर्ट ने उनके आवेदन खारिज कर संजीव सिंह को वापस धनबाद जेल लाने का आदेश दिया। इसके बाद भी संजीव सिंह को दुमका जेल में ही रखा गया है। निचली अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करना अवमानना है। इस मामले में संजीव सिंह व सरकार दोनों याचिका दाखिल की है।
21 फरवरी को धनबाद से भेजा गया था दुमका
झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह पर अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या का आरोप है। इसी मामले में संजीव सिंह जेल में बंद है। धनबाद जेल प्रशासन ने जेल आइजी के निर्देश पर 21 फरवरी, 2021 को धनबाद से दुमका जेल शिफ्ट कर दिया था। संजीव सिंह की पत्नी और झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य रागिनी सिंह ने राजनीतिक दबाव में दुमका जेल शिफ्ट करने का आरोप लगाया था। उनका आरोप नीरज की पत्नी और झरिया की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह पर था। कहना था कि पूर्णिमा के दबाव में झारखंड सरकार ने संजीव को प्रताड़ित करने के लिए दुमका जेल भेजा है।
25 फरवरी को निजली अदालत ने धनबाद लाने का दिया था आदेश
संजीव सिंह को दुमका जेल भेजे जाने का उनके अधिवक्ता ने विरोध किया था। इसके खिलाफ उन्होंने धनबाद के एडीजे-4 रवि रंजन की अदालत में याचिका दायर की। अदालत ने 25 जुलाई को अपने आदेश में संजीव को अविलंब दुमका से धनबाद जेल लाने को कहा। बाद में इस आदेश के अनुपालन नहीं होने पर अवमानना की भी चेतावनी दी गई। कोर्ट ने धनबाद जेल अधीक्षक और राज्य के जेल आइजी से पूछा था कि क्यों ने आपेक विरुद्ध अवमाना की कार्रवाई शुरू की जाय। निचली अदालत के फैसले अनुपालन नहीं होने पर संजीव सिंह के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट रांची में अपील की थी। इस मामले में शुक्रवार को हाई कोर्ट ने संजीव को दो सप्ताह के अंदर में धनबाद लाने का आदेश दिया।
21 मार्च, 2017 को हुई थी नीरज की हत्या, 11 अप्रैल, 17 से संजीव जेल में बंद
धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत 4 लोगों की हत्या 21 मार्च, 2017 को हुई। सरायढेला थाना क्षेत्र के स्टील गेट के समीप चोरों को गोलियों से भून दिया गया था। इस मामले में संजीव पर साजिश रचने का आरोप है। इसी मामले में संजीव 11 अप्रैल, 2017 से न्यायिक हिरासत में हैं।