JIADA: दक्षिण भारत के उद्योगपतियों को बुला रही हेमंत सरकार, क्या बोकारो स्टील के इलाके में आएंगे
Jharkhand Industrial Area Development Authority झारखंड सरकार ने अम़ृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कोरिडोर के तहत बोकारो को चिन्हित किया है। इसके लिए सेल की एक हजार एकड़ जमीन को लेने पर बात चल रही है। यहां मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर स्थापित होगा।
बीके पाण्डेय, बोकारो। झारखंड के उद्योग विभाग ने कोरोना से सबक लेते हुए उद्योगों के लिए प्राथमिकता में बदलाव किया है। कोरोना काल में यह बात सामने आई कि बोकारो समेत झारखंड के अन्य जिलों से जितने श्रमिक बाहर गए उनमें से 30 फीसद महिलाएं थीं। इनमें भी अधिकतर दक्षिण भारत के उद्योगों में काम करने के लिए गई थी। झारखंड सरकार चाहती है कि दक्षिण भारत सहित देश के दूसरे राज्यों के उद्योगपति अपनी यूनिट बोकारो या झारखंड के किसी जिले में भी लगाएं, ताकि स्थानीय मजदूरों को यहीं काम मिल सके। चूंकि सस्ते मानव बल को लेकर झारखंड के मजदूरों को काम पर रखा जाता है। ऐसे में झारखंड सरकार का उद्योग विभाग आधारभूत संरचना, उपलब्ध श्रम बल और सरकार के सहयोग को बताकर उद्यमियों को निवेश के लिए झारखंड लाना चाहती है।
दिल्ली का दाैरा कर चुके हेमंत सोरेन
अगस्त माह में मुख्यमंत्री ने दिल्ली दौरे के क्रम में मुख्यमंत्री से कई उद्यमियों ने उद्योग लगाने के लिए प्रस्ताव भी दिया था। अब सरकार उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। झारखंड में औद्योगिक कोरिडोर की स्थापना सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए जियाडा की क्षेत्रीय निदेशक कीर्तिश्री जी ने तमिलनाडु में औद्योगिक क्षेत्र का भ्रमण किया और अब वह रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। उन्होंने चेन्नई में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र को देखा और वहां के बेहतर कार्यों का अध्ययन किया। विदित हो कि कोरोना के दौरान अकेले बोकारो में 22 हजार प्रवासी मजदूर बाहर से लौटे थे। इनमें से अधिकांश दक्षिण भारत के आटोमोबाइल, इलेक्ट्रोनिक्स, स्पोर्टस सेक्टर की कंपनियों में काम करने वाले थे।
मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के लिए बोकारो में चल रही है बात
पहले ही झारखंड सरकार ने अम़ृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कोरिडोर के तहत बोकारो को चिन्हित किया है। इसके लिए सेल की एक हजार एकड़ जमीन को लेने पर बात चल रही है। यहां मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर स्थापित होगा। इसकी प्रमुख उद्देश्य यह है कि जब बोकारो स्टील का उत्पादन 2030 15 मिलियन टन हो तो बोकारो से उत्पादित होने वाले तीस से पचास प्रतिशत उत्पाद का वैल्यू एडिशन बोकारो में हो। इससे राज्य को दोहरा राजस्व प्राप्त होगा। राज्य में बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा।
जियाडा ने मांगी धनबाद, गिरिडीह व बोकारो में जमीन
जहां उद्योग नहीं है, वहां उद्योग स्थापित करने के लिए जियाडा की क्षेत्रीय निदेशक कीर्तिश्री जी ने तीनों जिलों के अपर समहर्ता को पत्र भेजकर जियाडा के लिए जमीन उपलब्ध कराने को कहा है। जितनी जल्द जमीन मिलेगी, वहां आधारभूत संरचना विकास कर उद्योगों को दिया जाएगा। चूंकि जियाडा औद्योगिक क्षेत्र में निवेश के कई प्रस्ताव हैं, पर जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण उद्योगों को नहीं दी जा रही है।
उद्योगों के प्रसार के लिए कार्य योजना पर काम चल रहा है। चेन्नई औद्योगिक क्षेत्र का भ्रमण कर वहां कैसे बेहतर काम हो रहा है, किस प्रकार राज्य सरकार व निजी क्षेत्र की संयुक्त साझेदारी है, बेहतर औद्योगिक वातावरण के लिए और क्या हो सकता है, इसे देखा है। इससे संबंधित अपनी रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को दूंगी। फिलहाल बोकारो, धनबाद, गिरिडीह के अपर समाहर्ता से जियाडा के लिए जमीन देने को कहा गया है। जैसे ही जमीन मिलेगी, इस दिशा में काम होगा। -कीर्तिश्री जी, क्षेत्रीय निदेशक, जियाडा