अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों के पक्ष में उतरा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ

विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुबंधित कर्मचारियों का आंदोलन लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा। अनुबंधित कर्मचारियों के समर्थन में मंगलवार को झारखंड जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ आयुष चिकित्सा संघ और सहिया संघ ने भी अपना समर्थन दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 06:29 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 06:29 PM (IST)
अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों के पक्ष में उतरा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ
अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों के पक्ष में उतरा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ

धनबाद : विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुबंधित कर्मचारियों का आंदोलन लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा। अनुबंधित कर्मचारियों के समर्थन में मंगलवार को झारखंड जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, आयुष चिकित्सा संघ और सहिया संघ ने भी अपना समर्थन दिया। कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष दिलीप कुमार साह ने आंदोलन कर रहे कर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सरकार अनुबंधित कर्मचारियों की बातें नहीं मानकर उनका शोषण कर रही है। कोरोना संक्रमण काल में काम करने वाले कर्मियों को आंदोलन के माध्यम से अपना हक मांगना पड़ रहा है। संघ मुख्यमंत्री विभागीय सचिव को पत्र लिखकर इनकी मांगों पर विचार करने की अपील करेगा। धनबाद में लगभग 4500 कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। सहिया संघ ने भी का शोषण कर रही सरकार :

सर्जन कार्यालय के समक्ष आंदोलन कर रहे अनुबंध कर्मियों के समर्थन में सहिया संघ उतरा है। इन कर्मियों का कहना है कि जब स्वास्थ्य योजनाओं को धरातल पर लाना होता है, तब सभी काम सहिया को दिया जाता है। लेकिन जब मानदेय की बात आती है तो सरकार नहीं देती है। धनबाद प्रखंड सहित अन्य प्रखंडों में कहीं तीन तो कहीं पांच महीने से मानदेय नहीं मिला है। अनुबंधित कर्मचारियों को भी सरकार इसी तरीके से परेशान कर रही है। इनकी मांगों को संगठन समर्थन करता है। इन मांगों को लेकर किया जा रहा आंदोलन :

अनुबंध कर्मियों की मांग में राज्य कार्यक्रम प्रबंधक ज्वाला प्रसाद समेत जिला व प्रखंड स्तर पर अन्य कर्मियों की बर्खास्तगी वापस लेने की मांग की गई। इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से पब्लिक हेल्थ केयर को लागू करने की मांग की गई है। नेशनल हेल्थ मिशन के सभी अनुबंध कर्मियों को नियमित करने की मांग भी लंबित रही है, इसे भी पूरी करने की मांग फिर से उठ गई है। उच्चाधिकारियों ने दु‌र्व्यवहार एवं मानसिक प्रताड़ना पर रोक लगाने, एचआर पालिसी लागू करने, पीएफ कटौती का प्रावधान समान कार्य के लिए समान वेतन लागू करने की भी मांग शामिल है।

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