Unique Protest: यहां दिखा विरोध का नया रंग-रूप, झारखंड सरकार के खिलाफ नारे लिखे PPE Kit पहन स्वास्थ्यकर्मी कर रहे ड्यूटी

Unique Protest कर्मचारी महावीर ने बताया कि मल्टी परपस वर्कर को स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत चलने वाले तमाम योजनाओं में सेवा लिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेवारी इन्हीं कर्मचारियों पर होती है। कोरोना महामारी में भी कर्मचारियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 10:59 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 11:20 AM (IST)
Unique Protest: यहां दिखा विरोध का नया रंग-रूप, झारखंड सरकार के खिलाफ नारे लिखे PPE Kit पहन स्वास्थ्यकर्मी कर रहे ड्यूटी
धनबाद में दिखा विरोध का नया रंग-रूप ( फोटो जागरण)।

धनबाद, जेएनएन। विरोध और आंदोलन करने के एक से बढ़कर एक माध्यम हैं। अहिंसा से लेकर उग्र आंदोलन के तरीके राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन अपनाते रहे हैं। कोरोना काल में विरोध का एक नया रंग-रूप देखने को मिला है। धनबाद में स्वास्थ्यकर्मियों ने पीपीई किट पर ही झारखंड सरकार विरोधी नारे लिख डाले हैं। सरकार विरोधी नारे लिखे पीपीई किट पहन कर स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी कर रहे हैं। इन पर जिनकी भी नजर पड़ रही है, वह आंदोलन के इस नए रंग-रूप को देखर मुस्कुरा देते हैं। 

एमपीडब्ल्यू का चरणबद्ध आंदोलन

झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्य कर रहे मल्टी परपस वर्कर (एमपीडब्ल्यू) अपने चरणबद्ध आंदोलन के तहत मंगलवार अपने कपड़े पर झारखंड सरकार के विरोध में नारे लिख कर सेवा दे रहे हैं। धनबाद रेलवे स्टेशन पर तैनात मल्टी परपस वर्कर ने अपने पीपीई किट पर कर्मचारियों के शोषण बंद करो, हमारी मांग पूरी करो जैसे नारे लिखे हैं। कर्मचारी महावीर ने बताया अपनी मांगों को लेकर पिछले 4 वर्षों से कर्मी आंदोलनरत हैं। सरकार ने सभी की स्थाई समायोजन की बात कही थी। लेकिन इस पर अब तक कोई पहल नहीं की जा रही है। कर्मचारियों को अब तक प्रोत्साहन राशि भी नहीं दी गई है। 

सभी स्वास्थ्य योजनाओं में देते हैं सेवा

कर्मचारी महावीर ने बताया कि मल्टी परपस वर्कर को स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत चलने वाले तमाम योजनाओं में सेवा लिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेवारी इन्हीं कर्मचारियों पर होती है। कोरोना वायरस जैसी महामारी में भी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर कर्मचारियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन जब हक की बात आ रही है तो सरकार बार-बार मुकर रही है। मांगे नहीं माने जाने पर आगे चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा, हालांकि महामारी में काम करते रहेंगे।

रेलवे स्टेशन पर हो रही है जांच

रेलवे स्टेशन पर यह मल्टी परपस वर्कर पिछले 3 महीने से लगातार यात्रियों की सैंपल की जांच कर रहे हैं। कर्मियों का कहना है हर दिन लगभग 12 से 15 सौ यात्रियों की जांच की जाती है। कर्मचारियों को खाने का भी मौका नहीं मिल पाता है। लेकिन जब कर्मचारियों की हित की बात हो तो पहल कोई भी नहीं कर रहा है। आगे मुख्यमंत्री आवास का भी घेराव किया जाएगा।

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