टुंडी के गांवों में डायरिया का कहर, इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लगाया कैंप; 16 को कराया गया SNMMCH Dhanbad में भर्ती

धनबाद के उग्रवाद प्रभावित टुंडी प्रखंड के कई पंचायत डायरिया की चपेट में हैं। बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं। प्रभावित गांवों का जायजा लेने के लिए सोमवार को सिविल सर्जन डा. श्याम किशोर टुंडी पहुंचे। 16 प्रभावितों को एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 01:56 PM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 01:56 PM (IST)
टुंडी के गांवों में डायरिया का कहर, इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लगाया कैंप; 16 को कराया गया SNMMCH Dhanbad में भर्ती
टुंडी के डायरिया प्रभावित घरों में पानी की जांच करती स्वास्थ्य विभाग की टीम ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। उग्रवाद प्रभावित टुंडी प्रखंड के हंसागोड़ा सहित आधा दर्जन पंचायत डायरिया की चपेट में है। सोमवार को सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर के नेतृत्व में चिकित्सक और कर्मियों की टीम पंचायत पहुंचों में पहुंची। पंचायत में घर-घर सर्वे शुरू किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 20 दिनों से इलाके में लोगों की तबीयत लगातार खराब हो रही थी। 1 सप्ताह में 70 से अधिक लोग बीमार हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के सामने इलाके में बदतर स्वास्थ्य सेवा को लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की। सिविल सर्जन के निर्देश पर गांव में अस्थाई कैंप लगाया गया है। यहां पर लोगों के सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं। रविवार को गंभीर रूप से बीमार 16 लोगों को एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया। बीडीओ और सीओ भी प्रभावित इलाके में कैंप लगा रहे हैं।

500 भेजी गई स्लाइन, सीएससी में लगाए गए बेड

डायरिया प्रभावित इलाके में लोगों के इलाज के लिए दवाओं के साथ सोमवार की सुबह 500 स्लाइन की बोतल भेजी गई है। सिविल सर्जन ने कहा है कि इलाज के लिए दवा की कोई कमी नहींं होने दी जाएगी। यहां पर लोगों के मलेरिया सहित अन्य बीमारियों की भी जांच की जा रही है। दूषित पानी की सैंपल कराई जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्यय केंद्र अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं। सामान्य रूप से बीमार लोगों का यहां पर इलाज हो रहा है। गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। इसके माध्यम से सभी मरीज को एसएनएमएमसीएच भेजा जा रहा है।

पौने दो लाख की आबादी पर मात्र 4 चिकित्सक

टुंडी प्रखंड की कुल आबादी पौने दो लाख है। 296 कुल पंचायतों की संख्या है। लेकिन इतनी बड़ी आबादी पर मात्र 4 सरकारी चिकित्सक ही यहां सेवा दे रहे हैं। स्वास्थ्य- शिक्षा की इलाके में कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। यही वजह है कि इलाके में बीमार होने पर  22 किलोमीटर दूर मरीजों को शहर आना पड़ता है। इलाके में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छोड़कर कोई भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नियमित चिकित्सक नहीं बैठते हैं। ऐसे में अब पंचायत प्रतिनिधि भी स्वास्थ्य विभाग से यहां चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने और 24 घंटे सेवा उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं।

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