Dhanbad: 700 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से डॉक्टर खोज रहा है स्वास्थ्य विभाग विज्ञापन प्रकाशित होने के बावजूद नहीं मिल रहे हैं चिकित्सक

स्वास्थ्य विभाग 700 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से चिकित्सक की खोज कर रहा है। हालांकि विज्ञापन निकलने के 4 दिन के बावजूद अभी तक कोई चिकित्सक विभाग को नहीं मिला है। जबकि 27 सितंबर को साक्षात्कार का आयोजन सिविल सर्जन कार्यालय में रखा गया है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 10:24 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 10:24 AM (IST)
Dhanbad: 700 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से डॉक्टर खोज रहा है स्वास्थ्य विभाग विज्ञापन प्रकाशित होने के बावजूद नहीं मिल रहे हैं चिकित्सक
स्वास्थ्य विभाग 700 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से चिकित्सक की खोज कर रहा है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद: स्वास्थ्य विभाग 700 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से चिकित्सक की खोज कर रहा है। हालांकि विज्ञापन निकलने के 4 दिन के बावजूद अभी तक कोई चिकित्सक विभाग को नहीं मिला है। जबकि 27 सितंबर को साक्षात्कार का आयोजन सिविल सर्जन कार्यालय में रखा गया है। यह बहाली स्वास्थ्य विभाग में 12 जगहों पर अटल क्लीनिक में चिकित्सकों के लिए रखा है। लेकिन काफी कम मानदेय के कारण चिकित्सा नहीं आ रहे हैं। वहीं सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर का कहना है विभाग की ओर से अटल खेलने के लिए 700 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से देना है। मुख्यालय के स्तर से इसी राशि को तय की गई इससे ज्यादा नहीं दिया जा सकता है।

6 वर्षों से निकल रही है बहाली, नहीं मिल रहे हैं पर्याप्त चिकित्सक

मजेदार बात यह है कि पहले शहरी स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर जिले में जगहों को चिन्हित किया गया था। यहां पर भी 700 रुपये प्रतिदिन की दर से चिकित्सकों को रखने की बात हुई। भूली, चिरागोरा, सिंदरी और केंदुआ में एक केंद्र खोला गया। लेकिन 6 महीने के अंदर ही डॉक्टर छोड़ कर चले गए। इसके बाद वर्ष 2018 में इसका नाम बदलकर अटल क्लीनिक कर दिया गया। इसके बाद इसमें 12 जगहों को चिन्हित किया गया। इसके लिए 10 डॉक्टरों की बहाली की गई। लेकिन काफी कम मानदेय मिलने के कारण डॉक्टरों ने इसे भी छोड़ कर चल दिए। अब फिर से इसी मानदेय पर स्वास्थ्य विभाग ने बाली निकाली है।

शहरी गरीबों को देखकर बनाया गया है केंद्र

शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत शहर में रहने वाले गरीब लोगों को देखते हुए यह क्लीनिक का निर्माण किया गया है। शहरी गरीबों में अधिकांश मजदूर वर्ग के लोग शामिल हैं। तो सुबह में दिनभर काम की तलाश में रहते हैं, वह शाम को ही घर आ पाते हैं। ऐसे में इस केंद्र को शाम 6 बजे से 8 बजे तक चलाया जाना है। केंद्र में एक चिकित्सक, एक नर्स, एक स्वास्थ्य कर्मी और एक सफाई कर्मी की तैनाती रहेगी। इसके साथ ही यहां पर प्राप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध होंगी।

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