साउथ बलिहारी हनुमान मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा पर निकली कलश यात्रा

पुटकी साउथ बलिहारी करकट धौड़ा में नवनिर्मित हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पहले दिन गुरुवार को हनुमान मंदिर पूजा समिति ने कलश यात्रा निकाली। इसमें महिलाएं 201 कलश के साथ शामिल हुई थीं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 02:19 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 02:19 AM (IST)
साउथ बलिहारी हनुमान मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा पर निकली कलश यात्रा
साउथ बलिहारी हनुमान मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा पर निकली कलश यात्रा

संवाद सहयोगी, पुटकी : साउथ बलिहारी करकट धौड़ा में नवनिर्मित हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पहले दिन गुरुवार को हनुमान मंदिर पूजा समिति ने कलश यात्रा निकाली। इसमें महिलाएं 201 कलश के साथ शामिल हुई थीं। कलश यात्रा साउथ बलिहारी हनुमान मंदिर से प्रारंभ होकर बशीर मोड़, भागाबांध रेलवे फाटक, कच्छी-बलिहारी होते हुए सरकारडीह तालाब पहुंची। जहां पुरोहितों के वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कलश में जल भरवाया गया। इसके बाद गंतव्य मार्गों से होते हुए मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद कलश स्थापना की गई। इसके साथ ही मंदिर का तीन दिवसीय पूजनोत्सव प्रारंभ हो गया। कलश यात्रा के बाद गुरुवार की शाम श्री हनुमान जी को नगर भ्रमण कराकर मंडप प्रवेश कराया गया। दूसरे दिन शुक्रवार को वेदी पूजन, प्राण प्रतिष्ठा के साथ साथ 24 घंटे का अखंड हरिकीर्तन का आयोजन किया जाएगा।

तीसरे दिन शनिवार को पूजनोत्सव का पूर्णाहुति एवं प्रसाद वितरण एवं भंडारा का आयोजन होगा। कलश यात्रा को सफल बनाने में 10 नंबर वार्ड के निवर्तमान पार्षद देवाशीष पासवान, निवर्तमान पार्षद रेणू देवी, नौ नंबर वार्ड की निवर्तमान पार्षद सावित्री देवी, सुभाष पासवान, देवीलाल महतो, महेंद्र यादव, जगदेव साव, सुभाष डे, जगनारायण सिंह, अन्नपूर्णा देवी, आरती देवी, जूली कुमारी, गायत्री देवी, आरती कुमारी, प्रमिला देवी, शीला देवी, श्यामल राहा, सावित्री देवी, मनोज रजक समेत सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल थे।

सभी वैदिक मंत्रोच्चार एवं धार्मिक पूजा पाठ छोटन पांडेय, उमेश पांडेय, शशि पांडेय, पवन एवं ओम पांडेय द्वारा किया जा रहा है।

इधर, मुनीडीह के जटुडीह में नौ दिवसीय श्रीश्री 1008 शिव शक्ति महायज्ञ को ले भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में भक्त मंदिर प्रांगण से कलश लेकर दामोदर नदी से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जल भर कर पुन: यज्ञ स्थल पहुंचे, जहां कलश स्थापना किया गया। इसके साथ ही नौ दिवसीय यज्ञ का शुभारंभ हो गया।

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