आधा दर्जन कोल कर्मियों को बंधक बनाकर 70 फीट केबल लूटकर चलते बने लुटेरे
ईसीएल मुगमा क्षेत्र अंतर्गत खुदिया कोलियरी के क्वारडीह सेक्शन में बुधवार की रात्रि केबल लुटेरों ने धावा बोलकर कमरे में रखा लगभग 70 फीट केबल लूट लिया। इस दौरान लुटेरों ने आधा दर्जन कोल कर्मियों को बंधक बना रखा था। घटना की सूचना पाकर महाप्रबंधक बीसी सिंह कोलियरी पहुंचे।
जेएनएन, निरसा: ईसीएल मुगमा क्षेत्र अंतर्गत खुदिया कोलियरी के क्वारडीह सेक्शन में बुधवार की रात्रि केबल लुटेरों ने धावा बोलकर कमरे में रखा लगभग 70 फीट केबल लूट लिया। इस दौरान लुटेरों ने आधा दर्जन कोल कर्मियों को बंधक बना रखा था। घटना की सूचना पाकर महाप्रबंधक बीसी सिंह कोलियरी पहुंचे। यह तो गनीमत रही कि भूमिगत खदान के अंदर से केबल लूटने में लुटेरे नाकामयाब रहे, चूंकि कोलियरी चालू थी तथा खदान के अंदर मजदूर मौजूद थे। इस कारण लुटेर खदान के अंदर ना जाकर बाहर से ही केबल लूटकर चलते बने।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बंधक बने सुरक्षाकर्मी राजेंद्र पासवान, शेख अनवर, दयानंद चौहान, अमरजीत चौहान, हालेज ऑपरेटर पुनूलाल, रविलाल मांझी आदि ने बताया कि रात लगभग 1:30 से 2:00 के बीच 15 से 20 की संख्या में हथियारबंद केबल लुटेरों के दल ने धावा बोला। सबसे पहले सुरक्षाकर्मियों को अपने कब्जे में ले लिया, उसके बाद अन्य लोगों को पकड़कर खदान के अंदर ले गए। इंजीनियरिंग कमरे के बगल के एक कमरे के दरवाजे का ताला तोड़कर चोर उसमें रखा लगभग 70 फीट केबल लूट कर चलते बने। खदान में हम लोगों को ले जाकर एक जगह हम लोगों को बैठा दिया तथा कुछ लुटेरे हम लोगों की पहरेदारी करते रहे। इसी बीच मौका पाकर खदान से दूरभाष द्वारा प्रबंधन को हम लोगों ने मामले की जानकारी दी। जब तक अधिकारी एवं अन्य लोग पहुंचते, तब तक लुटेरे भाग निकले। जाते-जाते केबल लुटेरों ने कोलियरी परिसर में साइकिल एवं मोटरसाइकिल स्टैंड में खड़ी तीन-चार मोटरसाइकिल की डिक्की को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
चारदीवारी में सेंधमारी कर घुसे थे केबल लुटेरे: केबल लुटेरों के दल ने लखीमाता कोलियरी एवं क्वारडीह सेक्शन के बीच लगभग 10 फीट ऊंची दीवार के बीच में सेंधमारी कर लखीमाता कोलियरी की डिस्पेंसरी की ओर से क्वारडीह सेक्शन में प्रवेश किया। उसके बाद घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। बंधक बने कोल कर्मियों के अनुसार, केबल लुटेरों की उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच थी। सभी हरवे हथियार से लैस थे तथा आपस में बंगला हिंदी एवं खोरठा में बात कर रहे थे।