Happy Guru Purnima 2020: गुरू वह मार्गदर्शक जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं
बंदऊं गुरू पद पदुम परागा। सुरूचि सुवास सरस अनुरागा-अर्थात मैं गुरू महाराज के चरण कमलों की रज की वंदना करता हूं जो सूरूचि सुगंधि तथा अनुराग रूपी रस से पूर्ण है।
धनबाद, जेएनएन। आज (05 जुलाई, 2020) गुरू पूर्णिमा है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की गुरू पूíणमा मनाई जा रही है। हिंदू परंपरा में गुरु पूíणमा के दिन शिष्य अपने गुरुओं की चरणों की पूजा-अर्चना व उपहार देने की भी परंपरा है। गुरु इंसान का वह मार्गदर्शक होता है, जो उसे अज्ञानता के अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाता है। जीवन की हर परिस्थिति में लड़ने की शक्ति गुरु के मार्गदर्शन से ही मिलती है। यह कहना है धनबाद में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर काम कर रहे लोगों का। जिन्होंने गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु को नमन किया।
तनावमुक्त होकर करो काम
आइएसएम से बीटेक करने के दौरान मुझे मेरे मेंटर और गुरु डॉ. वी कुमार का सानिध्य मिला। वे आइएसएम के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में हैं। उन्होंने हमेशा यही बताया कि काम कोई भी हो अगर उसे तनाव मुक्त होकर किया जाए तो ज्यादा बेहतर परिणाम आएगा।
-अजीत कुमार, सीनियर डीएसटीई, धनबाद
जो काम लोग उसे पूरा करो
जंतु विज्ञान के झारखंड के जाने-माने शिक्षक डॉ. अशोक सिन्हा मेरे ऐसे गुरु हैं जिन्होंने न सिर्फ मुझे पढ़ाया बल्कि मेरे पथ प्रदर्शक भी रहे। उन्होंने जो गुरु मंत्र दिया वह था कोई भी काम लो तो उसे पूरा करो।
-डॉ. बीके सिन्हा, प्राचार्य, पीके राय मेमोरियल कॉलेज
गुरू के आशीष से मिली सफलता
उत्तर प्रदेश के गांव से धनबाद के केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान के निदेशक तक का सफर गुरु के आशीर्वाद से ही मुमकिन हुआ। हर क्षेत्र में साथ न रहते हुए भी हमेशा साथ रहे।
-डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, निदेशक, केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान
कठिन समय में हिम्मत न छोड़ो
गुरू के आशीष से मिली सफलताजीवन की कठिन राह पर खड़े रहने की हिम्मत अपने गुरु काशीनाथ मिश्र से मिली। भभुआ के मल्टी पर्पस हायर सेकेंड्री स्कूल के मेरे इस शिक्षक को सांप्रदायिक तनाव जैसी परिस्थिति परो पर जिला प्रशासन उन्हें अपने साथ लेकर जाती थी।
-प्रो. पी शेखर, प्राचार्य, गुरुनानक कॉलेज
जीवन में क्षमतावान बनो
छपरा में पढ़ाई के दौरान मेरे शिक्षक अशोक कुमार ने कहा था, क्षमतावान बनो। ये बात मेरे जीवन के लिए टर्निग पॉइंट साबित हुई। आज जो कुछ हूं वो उन्हीं की वजह से हूं। जब गांव जाने का मौका मिलता है तो उनसे आशीर्वाद लेने जरूर जाता हूं।
-राकेश सिन्हा, सहायक श्रमायुक्त