Dhanbad: शहीद चंद्रशेखर आजाद के पौत्र धनबाद के लोगों को पढ़ाएंगे देशभक्ति का पाठ

शहीद चंद्रशेखर आजाद के पात्र धनबाद के लोगों को देशभक्ति का पाठ पढ़ाएंगे। हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमित आजाद तिवारी शुक्रवार को निरसा के भेजना आर्य गुरुकुल आ रहे हैं अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान लोगों को राष्ट्रभक्ति से प्रेरित करेंगे।

By Atul SinghEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 09:35 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:32 AM (IST)
Dhanbad: शहीद चंद्रशेखर आजाद के पौत्र धनबाद के लोगों को पढ़ाएंगे देशभक्ति का पाठ
शहीद चंद्रशेखर आजाद के पात्र धनबाद के लोगों को देश भक्ति से ओतप्रोत करेंगे। (जागरण)

जागरण संवाददाता, धनबाद : अमर क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद के पौत्र एवं हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी (एचआरए) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमित आजाद तिवारी शुक्रवार को निरसा के बैजना आर्य गुरूकुल आ रहे हैं। अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान यहां आयोजित होने वाले शहीद क्रांतिकारी अशफख उल्ला खां की जयंती पर गुरूकुल में लोगों को राष्ट्र भक्ति से प्रेरित करेंगे। इसके बाद हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी संगठन के लोगों के साथ बैठक भी करेंगे। हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष हरहर आर्य ने बताया कि अमित आजाद पहली बार धनबाद आ रहे हैं। शहीद क्रांतिकारियों के इतिहास से सभी को रूबरू कराएंगे। कार्यकर्ता के साथ बैठक करेंगे। सुबह दस बजे से गुरुकुल बैजना में कार्यक्रम होगा। 23 को रात रवाना हो जाएंगे।

एचआरए के बारे में भी जाने

प्रदेश अध्यक्ष हरहर आर्या बताते हैं कि हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी आजादी से पहले का संगठन है। एक ऐसा संगठन जो शहीदों की सोच से जन्मा है। अमर शहीदों ने हिंदुस्तान को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए इसका गठन किया। इस नाम से पहले अनुशीलन समिति हुआ करता था। इसका गठन शहीद सचिंद्रनाथ ठाकुर ने किया था। इस संगठन में आर्मी शब्द शहीद चंद्रशेखर आजाद ने जोड़ा। बाद में शहीद भगत सिंह के इसमें विलय करने के बाद उन्होंने इसमें सोशलिस्ट जोड़ा। आजादी के पहले के ज्यादातर क्रांतिकारी इसके सक्रिय सदस्य हुआ करते थे। काकोरी कांड, चौरा चौरी कांड, संसद बम कांड इसी संगठन की देन थी। इसलिए इस संगठन की प्रेरणा से हिस्टोरिकल रिसर्च एसोसिएशन का निर्माण भी किया गया है। वर्तमान में एचआरए का संकल्प शहीदों की सोच और उन्हीं के सिद्धांतों को लेकर देश की संस्कृति की रक्षा और भारतवर्ष के भविष्य को वैचारिक क्रांति के जरिए राजनीति से परे रहते हुए विश्व का सिरमौर बनाना है। इसमें युवाओं को जोड़ा जा रहा है। जो इस क्रांति की अलख जगाएंगे।

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